कैलाशपति मिश्र, पटना. निर्वाचन आयोग के निर्देश पर राज्य के जिला निर्वाचन पदाधिकारियों को चुनाव प्रतिशत बढ़ाने के लिए अभियान चलाने के निर्देश दिये गये हैं. वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में राज्य का मतदान प्रतिशत 57.33 था, जबकि राष्ट्रीय औसत 67.47 था. राज्य में राष्ट्रीय औसत की तुलना में करीब दस फीसदी कम मतदान हुआ था जबकि बिहार के लोगों को राजनीतिक रूप से सबसे सजग माना जाता है.
राज्य में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के मतदान प्रतिशत में अंतर था. थोड़ा पीछे जाकर देखें तो कई चुनाव में बिहार के मतदाताओं ने राष्ट्रीय औसत से अधिक वोट किये हैं. 1977, 1991 से 1999 के बीच हुए चार लोकसभा चुनाव में राज्य का वोट प्रतिशत राष्ट्रीय औसत से अधिक रहा है. जबकि 1989 और 2004 के लोकसभा चुनाव में कमोबेश राष्ट्रीय औसत के आसपास राज्य के मतदाताओं ने रुचि दिखाई थी.
2019 में सीमांचल में पड़े थे अधिक वोट
लोकसभा चुनाव, 2019 में सीमांचल के मतदाताओं ने जमकर मत डाले थे. सीमांचल के किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, सुपौल, अररिया और मधेपुरा में राज्य के औसत से अधिक मतदान हुए थे. राज्य में औसत मतदान 57.33 फीसदी हुआ था, जबकि सीमांचल में औसत वोट 60% अधिक पड़े थे. जिसमें किशनगंज में 66.38%,कटिहार में 67.64%,पूर्णिया में 65.72%,सुपौल में 64.79% और सुपौल में 60.89% मत पड़े थे. हालांकि 60% से अधिक मतदान बाल्मीकी नगर, पूर्वी और पश्चिमी चंपारण लोकसभा क्षेत्र में बाल्मीकी नगर में 61.97%,पूर्वी चंपारण में 63.30% और पश्चिमी चंपारण में 62.02% मत पड़े थे.
लोकसभा क्षेत्र | मतदान की प्रतिशत |
---|---|
किशनगंज | 66.38% |
कटिहार | 67.64% |
पूर्णिया | 65.72% |
सुपौल | 64.79% |
अररिया | 60.89% |
मधेपुरा | 60% |
बाल्मीकी नगर | 61.97% |
पूर्वी चंपारण | 63.30% |
पश्चिमी चंपारण | 62.02% |
सेंट्रल बिहार और शाहाबाद में कम मतदान
पिछले चुनाव में सेंट्रल बिहार और शाहाबाद की लोकसभा सीटों पर कम मतदान हुआ था, जिसमें पटना साहिब में सबसे कम 45.80%, नालंदा में 48.79%,काराकाट में 49.09%,नवादा में 49.73%, जहानाबाद में 51.76%, आरा में 51.81%,औरंगाबाद में 53.67%, बक्सर में 53.93 %,सासाराम (सु) में 54.57% ही मतदान हुआ था.
लोकसभा सीट | मतदान की प्रतिशत |
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पटना साहिब | 45.80% |
नालंदा | 48.79% |
काराकाट | 49.09% |
नवादा | 49.73% |
जहानाबाद | 51.76% |
आरा | 51.81% |
औरंगाबाद | 53.67% |
बक्सर | 53.93% |
सासाराम (सु) | 54.57% |
प्रचार में जुटी जदयू की सोशल मीडिया टीम
भाजपा की तरह ही जदयू की सोशल मीडिया की टीम भी लोकसभा चुनाव के प्रचार-प्रसार में जुट गयी है. प्रदेश मुख्यालय में पटना में करीब 50 लोगों की टीम ने पहले सभी पार्टी कार्यकर्ताओं और फिर आम मतदाताओं से संपर्क साधने की योजना पर काम शुरू कर दिया है. इसके लिए पार्टी की तरफ से सभी को एसएमएस, व्हाट्सएप से पार्टी का संदेश लगातार भेजा जायेगा. इन छोटे, लेकिन अर्थपूर्ण संदेशों के माध्यम से पार्टी की कल्याणकारी योजनाओं सहित भविष्य के कार्यों की भी जानकारी देने की कोशिश होगी.
टीम में प्रदेश मुख्यालय पटना के अलावा राज्य भर में जदयू की सोशल मीडिया के करीब दो हजार लोग भी चुनाव प्रचार के लिए जोड़े गये हैं. इन सभी का काम स्थानीय स्तर पर चुनाव प्रचार की जरूरतों को समझकर उसके अनुसार संदेश बनाने में योगदान देना है. इसके साथ ही स्थानीय मोबाइल नंबरों की जानकारी जुटाकर हर मतदाता तक पहुंच बनाना और पार्टी का संदेश डिजिटल माध्यम से पहुंचाना है.
एलइडी स्क्रीन लगी गाड़ियों से होगा प्रचार
लोकसभा चुनाव प्रचार के लिए करीब 25 एलइडी स्क्रीन लगी गाड़ियों की व्यवस्था की गयी है. इन गाड़ियों को पोस्टर-बैनर से सजाया जा रहा है. इन गाड़ियों को विभिन्न लोकसभा क्षेत्रों में भेजकर चुनाव प्रचार किया जायेगा. इन गाड़ियों में लगे एलइडी स्क्रीन पर राज्य में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा किये गये विकास कार्यों की जानकारी आम लोगों को दिखायी जायेगी. साथ ही एनडीए उम्मीदवारों के पक्ष में मतदान की लोगों से अपील की जायेगी. होली के बाद इन गाड़ियों को अलग-अलग लोकसभा क्षेत्रों में प्रचार के लिए भेजे जाने की संभावना है.
बैनर, पोस्टर तैयार करने में लगे कार्यकर्ता
आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर नये व आकर्षक नारे गढ़े जायेंगे. इसके साथ ही जदयू ने चुनावी बैनर और पोस्टर तैयार करने की तैयारी शुरू कर दी है. इन सभी काम के लिए एक विशेष एजेंसी की सेवा ली जा रही है. अलग-अलग लोकसभा क्षेत्रों में वहां की मांग के अनुसार बैनर और पोस्टर की आपूर्ति की जायेगी. बहुत जल्द पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में चुनाव सामग्रियों की बिक्री के लिए एक स्टॉल लगाया जायेगा.
इसमें पार्टी का झंडा, बैनर, पोस्टर, बैच, पट्टा, टोपी, पेन सहित अन्य सामग्रियां उचित मूल्य पर उपलब्ध होंगी, साथ ही इन सभी सामग्रियों की बिक्री की जायेगी. सूत्रों के अनुसार जदयू हर चुनाव में तात्कालिक और पारंपरिक मुद्दों के आधार पर आकर्षक नारे तैयार करता है. उसी तर्ज पर इस बार के लोकसभा चुनाव के लिए आकर्षक नारे तैयार किये जा रहे हैं.
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