मंदिरों और दरगाहों में बंद हो VVIP दर्शन, RJD सांसद ने मोदी सरकार से की मांग
VVIP darshan Culture: राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए आरजेडी सांसद मनोज झा ने सरकार से मांग की है कि सरकार मंदिरों और दरगाहों पर VVIP दर्शन के कल्चर को बंद करें.
VVIP darshan Culture: राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए राष्ट्रीय जनता दल के सांसद मनोज झा ने मोदी सरकार से बड़ी मांग कर दी है. धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए मनोज झा ने कहा कि सभी राजनीतिक दल एक साझा पॉलिटिकल विल लें कि कोई भी वीवीआईपी दर्शन किसी मंदिर, किसी दरगाह में नहीं होना चाहिए. देश में धर्मांधता और धार्मिकता का फर्क मिटता जा रहा है. हम धार्मिक देश हैं, हजारों साल से हम धार्मिक देश हैं. यहां धर्मांधता नई चीज है. प्रतिदिन देखो हर घंटे कई नए बाबा आ रहे हैं. वे ग्रह-नक्षत्र देखकर बताते हैं कि कभी नहीं नहाया तो कोई पाप नहीं मिटेंगे. यह परिपाटी संविधान के दृष्टिकोण से भी बंद होनी चाहिए.
बाबाओं की फैक्ट्री पर रोक लगाए सरकार: मनोज झा
मनोज झा ने आगे कहा कि यह जो रिलिजियस बाबाओं की प्रोडक्शन फैक्ट्री आ गई है, इनके उत्पादन पर भी रोक लगनी चाहिए. हर धर्म के अंदर इस तरह के अंधविश्वास पैदा हो रहे हैं. इस दौरान मनोज झा ने सदन में आर्थिक असमानता का विषय उठाया. उन्होंने कहा कि यह असमानता आने वाले वर्षों में और अधिक परेशान करेगी. मुझे बिलेनियर्स से परेशानी नहीं है. लेकिन, लोगों के बीच में खाई बढ़ती जा रही है. हम यह जानते हैं कि बेरोजगारी का त्वरित समाधान किसी के पास नहीं है. लेकिन, बेरोजगारी के लिए ब्लूप्रिंट क्या है? बेरोजगारी की समस्या के समाधान के लिए पहली शर्त यह है कि यह मानना आवश्यक है कि बेरोजगारी है.
बिहार के युवाओं पर होता है लाठीचार्ज
राज्यसभा में आंकड़ा पेश करते हुए मनोज झा ने कहा कि आज देश में प्रत्येक तीन युवाओं में से दो बेरोजगार हैं. बिहार में उच्च पदों की परीक्षाएं लेने वाली एक संस्था है. उस संस्था का करिकुलम वाइटल कहता है कि बीते कुछ वर्षों में कोई भी परीक्षा बिना रिगिंग के नहीं हुई है. यदि वहां जाकर न्याय मांगो तो युवाओं पर लाठीचार्ज होता है.
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वेश बदलकर व्यवस्था का जायजा लें रेलमंत्री
उन्होंने रेल मंत्री से ट्रेनों की व्यवस्था को लेकर औचक निरीक्षण करने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा कि रेल मंत्री वेश बदलकर व्यवस्था का जायजा लें तो उन्हें असली हालत का पता लगेगा. इस दौरान मनोज झा ने कहा कि वह दिल्ली विश्वविद्यालय में शिक्षक हैं, अभी यूजीसी का ड्राफ्ट रेगुलेशन आया. यह ड्राफ्ट रेगुलेशन विश्वविद्यालय की मौत की इबारत है. यह विश्वविद्यालय, शिक्षक और छात्र विरोधी है. कहीं ऐसी योजना तो नहीं है कि पूरी शिक्षा व्यवस्था हम निजी हाथों में सौंप दें. शिक्षकों के पदों पर भर्ती को लेकर एक श्वेत पत्र आना चाहिए कि विश्वविद्यालय और अन्य संस्थाओं में एससी, एसटी, ओबीसी आरक्षण को लेकर क्या स्थिति है?
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