Bihar Crime News: बटोहिया छोटी उम्र में बना कुख्यात, BJP नेता की हत्या के बाद चर्चा में आया था
बटोहिया पर हत्या और रंगदारी सहित एक दर्जन से अधिक मामले में बिहार एसटीएफ ने 50 हजार का इनाम घोषित कर रखा था. पुलिस लगातार उसके ठिकानों पर छापेमारी कर रही थी. इसी क्रम में गुरुवार को उसके आकाशपुर में छिपे होने की भनक पुलिस को लगी.
बिहार के बेगूसराय के सिंघौल सहायक थाने के आकाशपुर में एसटीएफ व अपराधियों के बीच हुए मुठभेड़ में कुख्यात अपराधी बटोहिया मारा गया. उसपर हत्या और रंगदारी सहित एक दर्जन से अधिक मामले दर्ज थे. पुलिस सूत्रों का कहना है कि बटोहिया बेगूसराय के लिए आतंक बन गया था. बिहार एसटीएफ ने उसपर 50 हजार का इनाम घोषित कर रखा था. पुलिस लगातार उसके ठिकानों पर छापेमारी कर रही थी. इसी क्रम में गुरुवार को उसके आकाशपुर में छिपे होने की भनक पुलिस को लगी. इसके बाद पुलिस पहुंचकर उसे पकड़ने का प्रयास किया लेकिन पुलिस को देखते ही अपराधियों के द्वारा फायरिंग शुरू कर दी गयी. इसके बाद पुलिस की तरफ से की गयी फायरिंग में जहां कुख्यात बटोहिया मारा गया वहीं अपराधियों की गोली से दो पुलिसकर्मी घायल हो गये. घटना के बाद इलाके में तनाव व दहशत का माहौल बना हुआ है.
अपराधियों ने कार्बाइन से की ताबड़तोड़ फायरिंग
एसटीएफ को गुरुवार की दोपहर सूचना मिली कि कुख्यात बटोहिया आज एक हत्याकांड को अंजाम देने के लिए अपने सहयोगियों के साथ घूम रहा है. सूचना मिलते ही एसटीएफ ने स्थानीय पुलिस के सहयोग से आकाशपुर में चिन्हित जगह को घेर लिया. जिसमें पुलिस को देखते ही वह कार्बाइन से ताबड़तोड़ गोली चलाते हुए घर की ओर भागा लेकिन पुलिसकर्मियों ने पीछा कर दिया तथा दोनों ओर से गोली चलती रही.
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कुख्यात की मौत की खबर मिलते ही उग्र हुए ग्रामीण
घटनास्थल से मारे गए अपराधी का शव लेकर चलते ही ग्रामीण उग्र हो गए तथा पुलिस टीम पर बटोहिया को पकड़ कर एनकाउंटर करने का आरोप लगाते हुए हमला कर दिया. इसमें नगर थानाध्यक्ष रामनिवास एवं पुलिस के दो जवान चोटिल हो गए हैं, सभी का इलाज सदर अस्पताल में चल रहा है. एसपी योगेन्द्र कुमार ने बताया कि दोनों ओर से दो दर्जन से अधिक गोलियां चली है. जिसमें सुपारी किलर बटोहिया को पांच गोली लगी.
कई चर्चित मामलों में थी पुलिस को तलाश
इसने कुछ वर्ष पूर्व रामदीरी के मुखिया मुन्ना सिंह की हत्या कर दी थी. 2021 में इसने सोनापुर निवासी कुणाल कुमार तथा 2022 में कुणाल के पिता भाजपा नेता और पूर्व सैनिक विजय सिंह को मार डाला था. आज फिर यह एक की हत्या करने वाला था. एसपी ने बताया कि पुलिस का उद्देश्य इसकी हत्या करना नहीं था लेकिन पुलिस टीम को देखते ही बटोहिया ने पहले गोलीबारी शुरू कर दी. जिसमें थानाध्यक्ष एवं एसटीएफ के जवान को जब गोली लग गयी तो जवाबी कार्रवाई में पुलिस को भी गोली चलानी पड़ी. इधर, कुख्यात बटोहिया के मौत के बाद सदर अस्पताल में लोगों की भीड़ जमा हो गयी. पीड़ित परिवार पहुंचकर चीत्कार मारने लगे. मौत को लेकर सदर अस्पताल में मौजूद लोगों के द्वारा तरह-तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म था.