पटना. राज्य में नगरपालिका आम निर्वाचन की तैयारियों की गति सुस्त है. जून के दूसरे सप्ताह में राज्य की नगरपालिका के निर्वाचित प्रतिनिधियों का कार्यकाल समाप्त होने वाला है. इधर, अभी तक चुनाव को लेकर सभी नगर निकायों में वार्डों के गठन का कार्य पूरा नहीं हुआ है.
राज्य के 24 ऐसे नगर निकाय हैं ,जिनके गठन की स्वीकृति के बाद अब तक जनसंख्या व क्षेत्र विस्तार में सुधार का कार्य अधूरा है. जब तक इन निकायों में जनसंख्या व क्षेत्र में सुधार का काम नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा नहीं किया जाता तब तक इन निकायों में चुनाव नहीं कराया जा सकता है.
राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से 24 नगर निकायों की जनसंख्या व क्षेत्र विस्तार में संशोधन के लिए नगर विकास एवं आवास विभाग को अपना सुझाव भेज दिया है. इनमें 13 ऐसे नगर निकाय हैं , जिनका प्रारूप (ड्राफ्ट) प्रकाशित किया गया है. अब तक इनका संशोधित व अंतिम प्रकाशन नहीं किया गया है. इनमें उत्क्रमित नगर पंचायत मनेर, उत्क्रमित नगर पंचायत इस्लामपुर शामिल हैं.
इसी प्रकार नगर निगम मुजफ्फरपुर का क्षेत्र विस्तार, उत्क्रमित नगर पंचायत झंझारपुर, उत्क्रमित नगर पंचायत बड़हिया, उत्क्रमित नगर पंचायत झाझा, नगर निगम छपरा का क्षेत्र विस्तार, उत्क्रमित नगर पर्षद सहरसा, नवगठित नगर पंचायत घोड़ासहन, नवगठित नगर पंचायत इटाढ़ी, नवगठित नगर पंचायत संग्रामपुर, नवगठित नगर पंचायत असरगंज और नवगठित नगर पंचायत मच्छरगांवा शामिल हैं.
इनके अलावा उत्क्रमित नगर पर्षद राजगीर, उत्क्रमित नगर पर्षद हिसुआ, उत्क्रमित नगर पर्षद मोतीपुर, उत्क्रमित नगर पर्षद शिवहर, नवगठित नगर पंचायत योगापट्टी, नवगठित नगर पंचायत घनश्यामपुर, नवगठित नगर पंचायत कमतौल, नवगठित नगर पंचायत बिरौल, नवगठित नगर पंचायत जाले, उत्क्रमित नगर निगम मधुबनी, उत्क्रमित नगर पर्षद हवेली खड़गपुर और नवगठित नगर पंचायत पौआखाली शामिल हैं. इन 12 नगर निकायों की जनसंख्या और क्षेत्र विस्तार में सुधार का काम अभी पेंडिंग पड़ा हुआ है.