फर्जीवाड़े से पायी थी बिहार पुलिस में नौकरी, 10 साल बाद हुआ खुलासा तो सिपाही गिरफ्तार
जब उसे लगा कि वह पकड़ में आ जायेगा, तो उसने सेटिंग कर सीआइडी में अपना ट्रांसफर करा लिया. लेकिन, जांच के बाद वह पकड़ा गया.
पटना. जहां एक ओर पढ़े-लिखे युवा नौकरी के लिए परेशान हैं, वहीं दूसरी ओर ऐसे भी लोग हैं जो फर्जी डॉक्यूमेंट्स के आधार पर नौकरी कर शासन को चूना लगा रहे हैं. ऐसा ही एक मामला बुद्धा कॉलोनी थाने की नवीन पुलिस लाइन में सामने आया है.
यहां शशिकांत सिंह नाम का एक व्यक्ति फर्जी डॉक्यूमेंट्स के आधार पर 10 वर्षों से पुलिस में कॉन्स्टेबल की नौकरी कर रहा था. इसका खुलासा आरोपित के गांव वालों की सूचना पर हुई जांच में हुआ. रविवार की सुबह उसे गिरफ्तार कर लिया गया. आरोपित सारण जिले के दिघवारा थाने के आमी गांव का रहने वाला है.
गांव वालों की शिकायत के बाद खुलासा : पुलिस के मुताबिक, आरोपित शशिकांत सिंह फर्जी नाम व कागजात दिखाकर पुलिस विभाग में भर्ती हुआ था. पटना की पुलिस लाइन में उसकी नियुक्ति की गयी थी. गांव वालों की शिकायत के बाद पुलिस ने मामले की जांच की, जिसमें उसके फर्जी कागजात, फोटो व नाम की जानकारी हुई. इसके बाद
पुलिस ने आरोपित के खिलाफ बुद्धा कॉलोनी थाने में एफआइआर दर्ज करायी. रविवार को पुलिस उसके गांव पहुंची और गिरफ्तार कर थाने लेकर आयी, जहां पूछताछ में उसने गुनाह कबूल किया.
बचने के लिए सीआइडी में कर रहा था नौकरी
पूछताछ में उसने बताया कि शुरुआत में उसने अलग-अलग थाना क्षेत्रों में करीब छह साल तक नौकरी की. जब उसे लगा कि वह पकड़ में आ जायेगा, तो उसने सेटिंग कर सीआइडी में अपना ट्रांसफर करा लिया. लेकिन, जांच के बाद वह पकड़ा गया.
बुद्धा कॉलोनी थाना प्रभारी रविशंकर सिंह ने बताया कि आरोपित 10 साल तक पुलिस में नौकरी करता रहा. जांच में जब फर्जीवाड़ा साबित हुआ, तो सुबह में मैंने खुद उसके पैतृक गांव में जाकर गिरफ्तार किया.
वह फर्जीवाड़े के माध्यम से पुलिस में कैसे नियुक्त हुआ, पुलिस जांच कर रही है. उम्मीद है कि उसके साथियों को भी जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जायेगा.
Posted by Ashish Jha