गोपालगंज. गंडक नदी का जल स्तर चौथे दिन घटने लगा है. नदी का जल स्तर घटने के साथ ही गांवों में भी पानी उतरने लगा है, लेकिन गांवों में तबाही जारी है. नदी के रुख को देखकर निचले इलाके के लोग घरों से निकल कर सुरक्षित स्थलों की तलाश में जुटे है. नदी के घटते-बढ़ते जल स्तर को लेकर जल संसाधन विभाग भी हाइ अलर्ट मोड में है.
उधर, वाल्मीकिनगर बराज से नदी का डिस्चार्ज घटकर 1.63 लाख क्यूसेक पर पहुंच चुका है. गंडक नदी का पानी कम होने के कारण तटबंधों पर अब कटाव का खतरा को लेकर चिंता बढ़ी हुई है. जल संसाधन विभाग के अधिकारियों की टीम तटबंधों पर कैंप कर लगातार मॉनीटरिंग कर रही है. उधर, कालामटिहनियां में नदी के मुडने से थोड़ी राहत मिली है.
यहां नदी का पाट बांध के पास अब चौड़ा हो गया है, जबकि नदी का सीधा अटैक पतहरा, नेमुइयां, सलेमपुर, टंडसपुर में होने के कारण यहां हाइ अलर्ट मोड में अधिकारी हैं, विशंभरपुर में कार्यपालक अभियंता श्रीनिवास प्रसाद, जेइ विभाष कुमार, पतहरा में कार्यपालक अभियंता श्रवण कुमार ब्यास, एसडीओ ओसामा वारिश, जेइ ऋषभ कुमार, टंडसपुर में जेइ विजय बिक्रम के नेतृत्व में लगातार निगरानी की जा रही है.
नदी व बांध के बीच बसने वाले दियारे के निचले इलाके में तबाही जारी है. निचले इलाके में बसने वाले गांवों में पानी अब घटने जरूर लगा है. पीड़ित परिवार के घरों में जलावन पानी में बह गया है. ओढ़ना-बिछवाना भी बह ले गये. किसी तरह ऊंचे स्थलों पर शरण ले रखे हैं. खाने-पीने के भी अब संकट पैदा होने लगे हैं. चापाकलों के डूबने से पीने के पानी के भी संकट हो गये हैं. चापाकल गंदा पानी दे रहा है. लोग घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं. बैकुंठपुर के पीड़ित इलाके में विधायक प्रेमशंकर प्रसाद ने प्रशासन से सहयोग की अपील की है.
-
सुबह 8.00 बजे 1.61 लाख क्यूसेक
-
दोपहर 12 बजे 1.72 लाख क्यूसेक
-
दोपहर दो बजे 1.63 लाख क्यूसेक
-
शाम चार बजे 1.64 लाख क्यूसेक
-
विशंभरपुर 90 सेंटीमीटर ऊपर
-
पतहरा 52 सेमी ऊपर
-
डुमरिया 1.00 मीटर ऊपर
-
टंडसपुर 1.04 मीटर ऊपर
कुचायकोट प्रखंड के कालामटिहनियां, भगवानपुर, धूपसागर, धर्मपुर, सदर प्रखंड के रामपुर टेंगराही, बरइपट्टी, राजवाही, मेहंदियां, निरंजना, मलाहीटोला, भसही, कठघरवा, जगीरीटोला, रामनगर, मांझा के ख्वाजेपुर, नेमुइयां, मांघी, मंगूरहा, बलूही, मोहद्दीपुर पकड़ियां, सलेमपुर, बंजरिया, डुमरिया, बैकुंठपुर प्रखंड के सितलपुर, मूंजा, मटियारी, पकहा, बंगरा सलेमपुर समेत दो दर्जन गांवों में तबाही मची हुई है. गांवों में दो से तीन फुट पानी बह रहा है. गांवों को जोड़ने वाली मुख्य सड़कों पर पानी के बहने से स्थिति भयावह बन गयी है. गांवों में आने-जाने के लिए एक मात्र सहारा नाव है.