गंगा में हर दिन बढ़ रहा पानी, कैसे बनेंगे पटना में छठ घाट, जानें कब तक है जलस्तर घटने की संभावना
बीते एक सप्ताह से हर दिन गंगा के पानी में वृद्धि देखी जा रही है. शनिवार को जिला प्रशासन की ओर से जल स्तर का आंकड़ा जारी किया गया. रिकॉर्ड के अनुसार बीते पांच वर्षों में छठ पर्व के दौरान इस बार सबसे अधिक गंगा का जल स्तर दर्ज किया गया है.
पटना. इस साल छठ घाटों को तेयार करने में देरी होगी. राजधानी के गंगा घाटों पर छठ महापर्व के आयोजन की तैयारी के लिए गंगा का बढ़ा हुआ जल स्तर मुश्किलें बढ़ा रहा है. बीते एक सप्ताह से हर दिन गंगा के पानी में वृद्धि देखी जा रही है. शनिवार को जिला प्रशासन की ओर से जल स्तर का आंकड़ा जारी किया गया. रिकॉर्ड के अनुसार बीते पांच वर्षों में छठ पर्व के दौरान इस बार सबसे अधिक गंगा का जल स्तर दर्ज किया गया है. इस कारण जिला प्रशासन और नगर निगम को गंगा किनारे घाट निर्माण को लेकर मुश्किलें आ रही हैं.
घाटों का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है
फिलहाल दीघा से लेकर कलेक्ट्रेट घाट तक निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है. निगम की ओर से कपड़ा लगा कर घाटों की बैरिकेडिंग की जा रही है, ताकि पानी निकलने पर निर्माण कार्यशुरू किया जा सके. एक तरफ कच्चे घाटों के निर्माण में परेशानी है. जब तक पानी नहीं निकलता तब तक कटाव की गणना नहीं की जा सकती. पानी निकलने के बाद ही घाटों पर कटाव और दलदल का आंकलन किया जा सकेगा. उसी के आधार पर खरतनाक घाटों की सूची जारी होगी. उसके बाद ही घाटों को लेकर तस्वीर साफ होगी.
18 अक्तूबर से जल स्तर घटने की संभावना
पटना जिले में गंगा का जल स्तर 18 अक्तूबर की संध्या से घटने की संभावना है. साथ ही 19 अक्तूबर की सुबह छह बजे से गांधी घाट पर जल स्तर घटेगा. यह पूर्वानुमान एफएमआइएससी ने लगाया है. इससे जिला प्रशासन को राहत मिली है. अगर पूर्वानुमान के तहत जल स्तर घटने लगेगा, तो जिला प्रशासन के पास कम से कम दस दिन रहेगा और आसानी से घाटों पर छठ पर्व को लेकर आवश्यक व्यवस्था की जा सकती है. डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह की अध्यक्षता में समाहरणालय में घाटों की तैयारियों की समीक्षा बैठक आयोजित की गयी.