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दुर्गावती व सुवरन नदियों का बढ‍़ा जलस्तर, दो पुल बहे, स्कूल व अस्पताल में घुसा पानी

दक्षिणी इलाके के दर्जनों गांवों का संपर्क प्रखंड मुख्यालय से टूट गया. रेलवे स्टेशन से ट्रेन पकड़ने वाले यात्रियों को काफी फजीहत झेल कर 10 किलोमीटर ज्यादा दूरी तय कर स्टेशन आना पड़ रहा है. वहीं, बीमार मरीजों को स्वास्थ्य केंद्र ले जाने में परेशानी होती है.

औरंगाबाद. कुदरा प्रखंड क्षेत्र में एक सप्ताह से रुक-रुक कर लगातार बारिश से चारों तरफ पानी ही पानी हो गया है. सोमवार की पूरी रात हुई बारिश से नदियां उफान मचाने लगीं. कुदरा-रामपुर के पास श्रमदान से बनाये गये दोनों पुल डूब गये. इससे दक्षिणी इलाके के दर्जनों गांवों का संपर्क प्रखंड मुख्यालय से टूट गया. दुर्गावती नदी में आये बाढ़ के कारण छात्रों का स्कूल व काॅलेज व कोचिंग छूट गया. वहीं, रेलवे स्टेशन से ट्रेन पकड़ने वाले यात्रियों को काफी फजीहत झेल कर 10 किलोमीटर ज्यादा दूरी तय कर स्टेशन आना पड़ रहा है. वहीं, बीमार मरीजों को स्वास्थ्य केंद्र ले जाने में परेशानी होती है.

दर्जनों गावों के लोगों का मुख्यालय से संपर्क टूटा

गौरतलब है कि कुदरा-रामपुर के पास दुर्गावती नदी में बरसात के दिनों में ग्रामीणों द्वारा श्रमदान से बनाये गये पुल अक्सर डूब जाता है. इससे दक्षिणी इलाके के दर्जनों गावों के लोगों का बाजार व रेलवे सहित मुख्यालय से संपर्क टूट जाता है. स्थाई पुल के अभाव के कारण इलाके के ग्रामीण का काफी नुकसान होता रहा है. बाजार से महज नदी व रामपुर की दूरी दो सौ मीटर है. पुल डूबने के कारण यहां के लोगों को 10 किलोमीटर की दूरी तय कर मुख्यालय जाना पड़ता है.

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पुल निर्माण का कार्य फाइलों में दफन हो गया

दरअसल, क्षेत्र के ग्रामीणों द्वारा वर्षों पूर्व से प्रशासन व सरकार से रामपुर-कुदरा के पास दुर्गावती नदी में पुल की मांग की जा रही है. यहां के ग्रामीणों द्वारा पुल के लिए धरना-प्रदर्शन, अधिकारियों का घेराव, मुख्यमंत्री की सभा में विरोध-प्रदर्शन सहित किये गये प्रयास सभी विफल रहे. अधिकारियों, सांसद व कई मंत्रियों द्वारा स्थल निरीक्षण भी किया गया. लेकिन, पुल निर्माण का कार्य फाइलों में दफन हो गया. यहां के जुझारू ग्रामीणों ने बैठक कर श्रमदान से पुल निर्माण का संकल्प लिया व आपस में चंदा कर श्रमदान से पुल का निर्माण कर दिया, जो सालो भर दक्षिण के ग्रामीणों के लिए सुलभ रास्ता हो गया है. सिर्फ बरसात के दिनों में नदी का जलस्तर बढ़ता है, तो पुल डूब जाता है. इससे दर्जनों गांवों का संपर्क प्रखंड मुख्यालय से टूट जाता है.

भगवानपुर पीएचसी के मरीजों को दूसरे जगह किया जा रहा शिफ्ट

इधर, कैमूर जिले के भभुआ सदर से मिली जानकारी के अनुसार पिछले तीन दिनों से रुक-रुककर जारी भारी और मध्यम बारिश से सुवरन नदी सहित इसकी सहायक नदियों में बाढ़ आ गया. एकाएक बढ़े नदी के पानी से भगवानपुर में कस्तूरबा विद्यालय सहित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आदि नदी के पानी में समा गये. इसके चलते कस्तूरबा विद्यालय में पढ़नेवाली लड़कियों को वहां से पुलिस और ग्रामीणों द्वारा रेस्क्यू किया गया. सुवरन नदी में अचानक आयी बाढ़ और स्कूल, अस्पताल सहित लोगों के मकान के डूबने की सूचना पर मंगलवार सुबह डीएम सावन कुमार और एसपी ललित मोहन शर्मा सहित आलाधिकारियों की टीम भगवानपुर पहुंची. यहां अधिकारियों के निगरानी में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया.

सुवरन नदी में आये उफान से नदी का पानी स्कूल में पहुंचा

इधर,सुवरन नदी में आये उफान से नदी के किनारे स्थित डीएवी स्कूल सहित आसपास के मकानों तक पानी पहुंच गया. पानी के स्कूल तक पहुंचने और तेज बहाव के चलते डीएवी स्कूल में एक्जाम के बावजूद छुट्टी करनी पड़ी और डीएवी स्कूल से बच्चों का रेस्क्यू किया गया. स्थानीय लोगों चंदन सिंह, अनवर इद्रीशी, राजकुमार गुप्ता आदि ने बताया कि सोमवार रात को तेज हवा के साथ काफी बारिश हुई, जिसके चलते नदी का एकाएक पानी बढ़ गया. नदी का जलस्तर इतना बढ़ा है की बगल के घर व स्कूलों में पानी से भर गया है. फिलहाल नदी का जल स्तर बढ़ने से खतरा बना हुआ है.

सुवरन नदी का जलस्तर अस्पताल एक मंजिला छत से मात्र तीन फुट नीचे

उधर, भगवानपुर थाना क्षेत्र के भगवानपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में सुवरन नदी का इतना जलस्तर बढ़ा की एक मंजिला छत से मात्र तीन फुट पानी नीचे है, उसमें सभी मरीजों को स्थानीय लोगों द्वारा बेड व घरेलू उपचार से नाव बना कर पानी से बाहर निकाला गया. जबकि, भगवानपुर कस्तूरबा आवासीय विद्यालय में भी पानी भर जाने से काफी परेशानियां हुई. वहां के भी छात्राओं को नाव के माध्यम से बाहर निकाला गया. पढ़ौती पंचायत सरकार भवन भी सुवरन नदी का जलस्तर बढ़ने से डूब गया. इसके चलते भवन में चलनेवाले सभी कार्यालय को बंद कर दिया गया. जबकि, बाढ़ के चलते फिलहाल भगवानपुर पीएचसी के मरीज व कर्मियों और कस्तूरबा विद्यालय के छात्राओं को एहतियातन जिला प्रशासन द्वारा दूसरे जगह शिफ्ट किया जा रहा है.

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