20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Bihar News: सोन नदी का पानी नहाने लायक भी नहीं, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की सैंपल जांच में हुआ खुलासा

Bihar News: सोन नदी के पानी में टोटल कोलिफॉर्म (जीवाणुओं का समूह) और फिकल कोलिफॉर्म नामक बैक्टीरिया मानक से 18 गुना अधिक मिले, जो मनुष्य के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं. इन दोनों जीवाणुओं की वृद्धि मानव स्वास्थ्य के लिए चिंता की बात है.

पटना. सोन नदी का पानी काफी प्रदूषित हो गया है. इसका पानी पीने लायक तो दूर, सोन नदी में नहाना भी खतरे से खाली नहीं है. इसके पानी से नहाने से गंभीर चर्म रोग होने की आशंका है. इसका खुलासा हाल में ही राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा कराये गये टेस्ट में हुआ है. सोन नदी के पानी में टोटल कोलिफॉर्म (जीवाणुओं का समूह) और फिकल कोलिफॉर्म नामक बैक्टीरिया मानक से 18 गुना अधिक मिले, जो मनुष्य के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं. इन दोनों जीवाणुओं की वृद्धि मानव स्वास्थ्य के लिए चिंता की बात है.

स्वास्थ्य लाभ लेने दूर-दूर से डेहरी आते थे लोग

सोन नदी का पानी कभी स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद माना जाता था. पहले बंगाल से बहुत लोग स्वास्थ्य लाभ लेने के लिए डेहरी आते थे. यहां के वातावरण और पानी पीकर लोग स्वस्थ होते थे. लेकिन, आज सोन नदी का पानी नहाने लायक भी नहीं रहा. यहां तक कि इस पानी को फिल्टर भी नहीं किया जा सकता है.

इंद्रपुरी से डेहरी आने तक काफी बढ़ जाती है बैक्टीरिया की मात्रा

सोन नदी के पानी में टोटल कोलिफॉर्म की मात्रा पांच हजार सामान्य मानी जाती है, लेकिन डेहरी के सोन नदी रोड ब्रिज के पास लिये गये सैंपल में इसकी मात्रा 92 हजार आयी है. इंद्रपुरी में जहां इसकी मात्रा 35 हजार है, वहीं डेहरी आते-आते इसकी मात्रा में 57 हजार की वृद्धि होकर 92 हजार हो जाती है. ऐसा माना जा रहा है कि डेहरी शहर के अधिकतर मुख्य नालों के जहरीले पानी व अपशिष्ट पदार्थ को डायरेक्ट सोन नदी में प्रवाहित कर दिये जाने के कारण टोटल कोलिफॉर्म की मात्रा में बेतहाशा वृद्धि हो गयी है.

जलीय जीव-जंतु व जानवरों पर भी पड़ता है बुरा असर

दूषित पानी का इंसानों के अलावा जलीय जीव-जंतु के साथ-साथ पशुओं पर भी बुरा असर पड़ता है. जलीय जंतु दूषित पानी में ज्यादा दिन तक नहीं रह सकते. जानवर और पशु सोन नदी का पानी पीने से बीमार पड़ सकते हैं.

Also Read: Bihar News: अब CBSE की एक ही बार होगी बोर्ड परीक्षा, कोरोना पूर्व का सिंगल एग्जाम फॉर्मेट फिर होगा लागू
कहते हैं विशेषज्ञ

हर महीने हम लोग अलग-अलग जगहों से नदियों के जल के सैंपल लेते हैं. डेहरी, पटना आसपास और कई अन्य जगहों पर सोन के पानी के सैंपल लिये गये थे. इसके पानी में अधिक संख्या में कोलिफॉर्म मिला है, जो पानी में संक्रमण को दिखाता है. यह चिंताजनक स्थिति है. नदियों में नाले का पानी का गिरना इसकी मुख्य वजह है. – डॉ नवीन कुमार, प्रधान वैज्ञानिक, बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रम परिषद

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें