वीरपुर बराज से कोसी में और वाल्मीकिनगर बराज से गंडक में छोड़ा गया पानी, इन नदियों का बढ़ा जलस्तर

खगड़िया जिले के बलतारा में कोसी नदी खतरे के निशान से 32 सेंमी ऊपर थी. इसमें 25 सेंमी वृद्धि की संभावना है. कटिहार जिले के कुरसेला में कोसी नदी के जलस्तर में कमी की संभावना है. किशनगंज जिले के तैयबपुर में महानंदा नदी खतरे के निशान से 95 सेंमी नीचे थी.

By Ashish Jha | August 25, 2023 8:25 PM

पटना. नेपाल के इलाके में अधिक बारिश होने से वीरपुर बराज से कोसी नदी में शुक्रवार को करीब दो लाख 30 हजार 645 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया. साथ ही वाल्मीकिनगर बराज से गंडक नदी में करीब एक लाख 42 हजार 100 क्यूसेक पानी छोड़ा गया. इससे राज्य में नदियों के निचले इलाके में बाढ़ का संकट पैदा हो गया है. हालांकि इससे बचाव व राहत के लिए जल संसाधन विभाग सहित प्रशासन की टीमें तैनात की गई हैं.

कहलगांव में गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 75 सेंमी नीचे

केंद्रीय जल आयोग के अनुसार भागलपुर जिले के कहलगांव में गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 75 सेंमी नीचे था. इसमें शनिवार तक 19 सेंमी कमी की संभावना है. सिवान जिले के दरौली में घाघरा नदी खतरे के निशान से 46 सेंमी नीचे थी. इसमें शनिवार सुबह तक 21 सेमी वृद्धि की संभावना है. गोपालगंज जिले के डुमरियाघाट में गंडक नदी खतरे के निशान से दो सेंमी ऊपर थी, इसमें शनिवार सुबह तक 21 सेंमी की वृद्धि की संभावना है. सीतामढी जिले के ढेंगब्रिज में बागमती नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 10 सेंमी ऊपर था. इसमें 105 सेंमी वृद्धि की संभावना है.

रून्नी सैदपुर में बागमती नदी खतरे के निशान से 57 सेंमी नीचे

मुजफ्फरपुर जिले के रून्नी सैदपुर में बागमती नदी खतरे के निशान से 57 सेंमी नीचे थी. इसमें 237 सेंमी वृद्धि की संभावना है. मुजफ्फरपुर जिले के बेनीबाद में बागमती नदी खतरे के निशान से 48 सेंमी नीचे थी. इसमें शनिवार सुबह तक 140 सेंमी वृद्धि की संभावना है. मधुबनी जिले के जयनगर में कमला बलान खतरे के निशान से 46 सेंमी नीचे थी. इसमें 36 सेंमी वृद्धि की संभावना है. मधुबनी जिले के झंझारपुर में कमला बलान नदी खतरे के निशान से 79 सेंमी नीचे थी. इसमें 109 सेंमी वृद्धि की संभावना है. सुपौल जिले के बसुआ में कोसी नदी खतरे के निशान से 54 सेंमी नीचे थी. इसमें 19 सेंमी वृद्धि की संभावना है.

बलतारा में कोसी नदी खतरे के निशान से 32 सेंमी ऊपर

खगड़िया जिले के बलतारा में कोसी नदी खतरे के निशान से 32 सेंमी ऊपर थी. इसमें 25 सेंमी वृद्धि की संभावना है. कटिहार जिले के कुरसेला में कोसी नदी के जलस्तर में कमी की संभावना है. किशनगंज जिले के तैयबपुर में महानंदा नदी खतरे के निशान से 95 सेंमी नीचे थी. इसमें 120 सेंमी वृद्धि की संभावना है. पूर्णिया जिले के ढंगराघाट में महानंदा नदी ख़तरे के निशान से छह सेंमी नीचे थी. इसमें 131 सेंमी वृद्धि की संभावना है. कटिहार जिले के झावा में महानंदा नदी खतरे के निशान से 61 सेंमी नीचे थी. इसमें 61 सेंमी वृद्धि की संभावना है. अररिया में परमान नदी खतरे के निशान से 15 सेंमी ऊपर थी. इसमें 30 सेंमी वृद्धि की संभावना है.

हाइडैम बनाने को लेकर गंभीर नहीं है केंद्र सरकार: संजय झा

इस बीच पटना में सूचना एवं जनसंपर्क सह जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने शुक्रवार को कहा है कि काेसी नदी पर हाइडैम बनाने को लेकर केंद्र सरकार गंभीर नहीं है. हाइडैम की मांग कई बार केंद्र सरकार के समक्ष रखी है. पटना उच्च न्यायालय ने भी हाइडैम बनाने को लेकर ऑथोरिटी गठित करने की बात कही, लेकिन केंद्र सरकार न जाने बिहार से कौन -सा दुश्मनी निकाल रही है. हाइडैम ही इस समस्या का एकमात्र समाधान है. मंत्री संजय कुमार झा ने यह बातें जदयू प्रदेश मुख्यालय में आयोजित जनसुनवाई के बाद पत्रकारों से कहीं. इस दौरान मंत्री सुमित कुमार सिंह मौजूद रहे. इससे पहले दोनों मंत्रियों ने जनसुनवाई में पहुंचे फरियादियों की समस्याओं का समाधान किया.

नेपाल में रिकॉर्ड बारिश होने पर सबसे अधिक प्रभाव बिहार में

मंत्री संजय कुमार झा ने कहा कि नेपाल में रिकॉर्ड बारिश होने पर सबसे अधिक प्रभाव बिहार में होता है. शुक्रवार को भी नेपाल में जबरदस्त बारिश हुई है और लगभग तीन लाख क्यूसेक पानी नेपाल की तरफ से छोड़ा गया है. विभाग पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए बिहार के अंदर सभी काम सरकार पूरी तत्परता से कर रही है. केंद्र सरकार से कहीं कोई सहयोग हमें नहीं मिला है. बिहार के हितों को अनदेखा कर फरक्का का निर्माण करवाया गया. इससे गंगा नदी के किनारे बसे सभी शहरों पर हर वर्ष बाढ़ का खतरा रहता है.

मुंबई की बैठक से ठोस नतीजे की उम्मीद

विपक्षी दलों की बैठक के बारे में सवाल पर मंत्री संजय कुमार झा ने कहा कि दोनों बैठकों में सकारात्मक बातचीत हुई है. हमें विश्वास है कि मुंबई में आयोजित होने वाली तीसरी बैठक से इसके स्वरूप को लेकर कोई ठोस नतीजा निकलेगा. उन्होंने कहा कि किसी ने यह उम्मीद नहीं की थी सभी विपक्षी दल के नेता एक साथ आयेंगे, मगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नामुमकिन प्रतीत हो रहे मिशन को मुमकिन बनाया.

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