पटना. बिहार में तीन दिनों से लगातार शीतलहर जारी है. ठंडी हवा के साथ कनकनी वाली ठंड ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है. रविवार की सुबह में आकाश में घने बादल और कोहरे छाये रहे. सुबह को कोहरे इतने घने थे कि 50 मीटर की दूरी भी धुंधला दिखाई दे रही थी. सुबह के ठंड से बचने को लोगों ने अलाव का सहारा लेना शुरू कर दिया है. दोपहर 11 बजे का बाद धूप का दर्शन भी हुआ. लेकिन धूप में गरमाहट नहीं है. अधिकत्तम तापमान 26 डिग्री तथा न्यूनतम तापमान 16 डिग्री सेल्सियस रही, किंतु ठंड हवा के साथ बादल व कोहरे के कारण काफी कम तापमान वाली ठंड महसूस हो रहा है. ठंड के कारण बाजारों में चहल-पहल घट गयी है. लोग अपने घरों से बहुत ही कम निकल रहे हैं.
पटना के चौक-चौराहों पर सरकारी स्तर पर अलाव की व्यवस्था कराने की मांग बढ रही है. ठंड का असर दिहाड़ी मजदूरों को काफी प्रभावित किया है. अधिकांश लोग घरों में रहने को मजबूर हैं. ठंड के कारण पशुओं के रखरखाव में पशुपालक किसानों की अतिरिक्त जवाबदेही बढ़ गयी है. शीतलहर में पशुओं के भी बीमार हो जाने चिताएं बढ गयी हैं. छोटे वृद्धजनों व छोटे बच्चे को ठंड से बचाकर उचित रखरखाव की समस्याओं से गृहिणी को जूझना पड़ रहा है. मौसम पूर्वानुमान में अभी तक यही कहा जा रहा है कि आने वाले चार दिनों तक बादल और धूप के बीच चूहा-बिल्ली का खेल जारी रहेगा.
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मौसम पूर्वानुमान के अनुसार बुधवार से और अधिक ठंड बढ़ जायेगी. ठंड के मौसम में जीवन यापन और अपने रख रखाव के प्रति जवाबदेही बढ जाती है. लोग ठंड से बचने के लिए विभिन्न तरह के उपायों को अपना रहे हैं. अस्पतालों में ठंड के शिकार मरीजों की संख्या बढ रही है. चिकत्सकों का कहना है कि बहती नाक, छींकना और नाक बंद होना ठंड लग जाने के लक्षणों में शामिल हैं. विशेष रूप से बच्चों में तेज बुखार या गंभीर लक्षण दिखाई देने पर डॉक्टर को दिखाना जरूरी है. ठंड बढ़ने पर लोगों का ध्यान निगम प्रशासन पर जा टिका है. वहीं नगर निगम के उपनगर आयुक्त ने बताया कि शीतलहर की स्थिति में इस वर्ष भी प्रशासन द्वारा अलाव की व्यवस्था होगी.