Bihar News: तेलहन-दलहन और आलू की खेती को भारी नुकसान, चंपारण, मोकामा, मुंगेर व नवादा में पड़े ओले
राज्य में बारिश, तेज हवा व ओलावृष्टि से हजारों हेक्टेयर में लगी फसल बर्बाद हो गयी है. इस समय सरसों की फसल में फूल निकल रहा था. ओलावृष्टि से सरसों की फलियों पर चोट लगने से वह बेकार हो गयी. सर्वाधिक नुकसान सरसों- राई, मटर, चना, मसूर और आलू की खेती को ही हुआ है.
पटना. राज्य में बारिश, तेज हवा व ओलावृष्टि से हजारों हेक्टेयर में लगी फसल तबाह हो गयी है. तेलहन- दलहन और आलू की खेती बर्बाद हो गयी है. नुकसान का आकलन करने के लिए जिला कृषि पदाधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं. ओलावृष्टि से सरसों की फसल में भारी नुकसान हुआ है. इस समय सरसों की फसल में फूल निकल रहा था. अगैती सरसों के कुछ खेतों में फली आना भी शुरू हो गयी थी. लेकिन, ओलावृष्टि से सरसों की फलियों पर चोट लगने से वह बेकार हो गयी. सर्वाधिक नुकसान सरसों- राई, मटर, चना, मसूर और आलू की खेती को ही हुआ है.
दलहनी फसलों के भी फूल झरने के साथ ही पौधे गिर गये हैं. आलू की खेत में पानी जमा होने के कारण फंगस लगने का खतरा बढ़ गया है. हालांकि, गेहूं के लिए इसे लाभकारी बताया जा रहा है. राष्ट्रीय आलू अनुसंधान केंद्र, पटना के अध्यक्ष डॉ शंभु कुमार ने आलू और दलहन की फसलों में जमा पानी को निकालने की सलाह दी है. उनका कहना है कि खेत में जमा पानी नहीं निकाला गया, तो आलू सड़ सकता है. उन्होंने मेड़ को काटने के साथ ही जिंक का छिड़काव करने की सलाह दी है.
बारिश से दलहन को भारी नुकसान
मुजफ्फरपुर में हुई झमाझम बारिश से विलंब से बोयी गयी गोहूं को फायदा हुआ है. किसानों को सिंचाई की आवश्कता नहीं पड़ेगी. जबकि, पहले से बुआई की गयी गेहूं की फसल को नुकसान हुआ है. गेहूं की फसल जिसमें डंठल निकyल गयी है, उसे नुकसान पहुंच सकता है, इसके साथ ही दलहनी व तिलहनी फसलों को नुकसान होने की आशंका है. आलू, सरसों, हरी मटर और अन्य सब्जियां खेतों में खड़ी हैं, उसे बारिश से नुकसान हो सकता है. जहां पत्तेदार सब्जियां सूख सकती है, वहीं, आलू व सरसों की फसल पर पाला का असर पड़ सकता है. तेज हवा व बारिश से खेतों में खड़ी सरसों की फसल गिर गयी है. जिस पौधे में फूल लगी थी, वह सभी जमीन पर गिर गयी है. फूल गिरने के कारण फल नहीं लगेगा.