पटना. राज्य में गुरुवार को बारिश के साथ आए तूफान और ओलावृष्टि के कारण कई जिलों में फलों की खेती (उद्यानिक फसल) को काफी क्षति हुई है. सरकार ने कृषि विभाग को नुकसान का आकलन करने का आदेश जारी कर दिया है. शनिवार तक नुकसान की रिपोर्ट मांगी गयी है. कृषि निदेशक डॉ आदित्य प्रकाश ने बताया कि आंधी -बारिश से हुए नुकसान की रिपोर्ट लेने के लिए दिशा निर्देश मिले हैं. प्रारंभिक क्षति का आकलन कर शनिवार तक रिपोर्ट देने के लिए सभी जिलों को कहा गया है.
लीची और आम की फसल अधिक है . इस कारण सहायक निदेशक उद्यान को भी इस संबंध में निर्देशित कर दिया है. डॉ आदित्य प्रकाश ने बताया कि प्राकृतिक आपदा से होने वाली क्षति को लेकर स्पष्ट एसओपी बनी हुई है. कृषि समन्यकों को कहा गया है कि यदि कहीं क्षति हुई है , तो वह प्रखंड कृषि पदाधिकारी को रिपोर्ट करें. क्षति यदि मापदंड के दायरे में आती है, तो जिला कृषि पदाधिकारी जिलाधिकारी के माध्यम से मुआवजा के लिए प्रतिवेदन भेजेंगे. नियमानुसार किसानों को सहायता उपलब्ध करायी जायेगी.
ऐसा नहीं है कि आंधी बारिश से हुए नुकसान के बाद अब फलों की खेती सुरक्षित है. बारिश के कारण मौसम कीटों के अनकूल हो गया है. डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के सह निदेशक अनुसंधान प्रो एसके सिंह बताते हैं कि शाही लीची तैयार हो गयी है. इसकी तुड़ाई चल रही है. मौसम बदलने से सबसे बड़ी समस्या फल छेदक कीट का प्रकोप बढ़ना है. लीची पर इस समय कोई कीटनाशक का छिड़काव भी नहीं किया जा सकता है. वहीं, लालपट्टी धारी कीट बिहार के कई जिलों में आम की फसल को बहुत अधिक नुकसान पहुंचा रहा है. बीस से 25 फीसदी फल के निचले हिस्से में छेद कर दिया है. यह कीट फल के अंदर अंडा देकर उसे सड़ा रहा है.
Also Read: बिहार में कहर बनकर आई आंधी-तूफान और बारिश, वज्रपात से 33 लोगों की मौत, पेड़ और पोल गिरने से भारी तबाही
आम- लीची को सबसे अधिक नुकसान हुआ है. नवगछिया सीतामढ़ी, चंपारण, समस्तीपुर, भागलपुर, मुजफ्फरपुर, शिवहर, दरभंगा, आदि जिलों के किसानों ने नुकसान की सूचना दी है. कई जगहों पर पेड़ों के आधे फल गिरने की सूचना है. यहां आंधी इतनी तेज थी कि पेड़ उखड़ गये. डालियां तक टूट गयी है.