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बिहार में शीतलहर ने बढ़ायी मुसीबत, सात डिग्री तक पहुंचा न्यूनतम पारा, फसल की देखरेख जरूरी

Bihar Weather: बिहार में नववर्ष की शुरुआत के साथ ही ठंड व शीतलहर का कहर बढ़ गया है. कड़ाके की ठंड के कारण बेघर लोगों को रात गुजरना मुश्किल हो गया है. खासकर बुर्जुगों व बच्चों को ठंड से बचना कठिन हो गया है. ठंड से बचने के लिए लोग अलाव का सहारा ले रहे हैं.

पटना. बिहार में शीतलहर व कनकनी ने लोगों की मुसीबत बढ़ा दी है. पटना में मंगलवार की सुबह से दोपहर तक कोहरे छाये रहे. प्रदेश के कई इलाकों में न्यूनतम तापमान सात डिग्री से भी नीचे पहुंच गया. ठंड का असर सबसे अधिक गरीब तबके के लोगों पर दिख रहा है. कड़ाके की ठंड के कारण बेघर लोगों को रात गुजरना मुश्किल हो गया है. खासकर बुर्जुगों व बच्चों को ठंड से बचना कठिन हो गया है. हालांकि ठंड से बचाव को लेकर शहरी क्षेत्रों में समाजसेवी संगठनों की ओर से गरम कपड़े व कंबल आदि का वितरण गरीब परिवारों के बीच किया जा रहा है. इसके बावजूद सैकड़ों गरीबों को तन ढकने के लिए पर्याप्त कपड़े नसीब नहीं हो रहे है.

नौ किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही पछुआ हवा

नववर्ष की शुरुआत के साथ ही प्रखंड क्षेत्र में ठंड व शीतलहर का कहर बढ़ गया है. ठंड से बचने के लिए लोग अलाव का सहारा ले रहे हैं. वहीं, संपन्न लोग हीटर जला कर ठंड से बचाव कर रहे है. मौसम विभाग के अनुसार सोमवार को प्रखंड का अधिकतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम तापमान सात डिग्री तक पहुंच गया. लगभग साढ़े नौ किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पछुआ हवा चलती रही. इससे कनकनी बढ़ गयी हैं. मौसम विभाग के अनुसार अगले दो सप्ताह तक तापमान में उतार चढ़ाव जारी रहेगा.

फसल की देखरेख जरूरी

कोहरे व शीतलहर से आलू की फसल को नुकसान पहुंच सकता है. वहीं, गेहूं की फसल को लाभ पहुंचेगा. कोहरे के कारण किसान गेहूं का पटवन रोक दिया है. किसानों का कहना है कि इस तरह के मौसम में गेहूं पटवन करने पर पीलिया रोग लगने की प्रबल संभावना रहती है. जबकि पटवन लेट से होने की स्थिति में उपज में ह्रास होने से इंकार नहीं किया जा सकता है. दूसरी तरफ इस ठंड से प्याज के बिचड़ों, आलू सहित अन्य फसलों में पाले का प्रकोप बढ़ गया है. ऐसे में फसल की लगातार देखरेख जरूरी है. किसी रोग का लक्षण दिखाई देने पर उचित दवा का छिड़काव किया जाना चाहिए.

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अस्पतालों में बढ़ी मरीजों की संख्या

ठंड के कारण अस्पतालों में मरीजों की संख्या में वृद्धि हो रही है. कोल्ड डायरिया, फ्लू, वायरल फीवर, सर्दी, खांसी आदि के मरीज सदर अस्पताल व निजी क्लिनिकों में पहुंच रहे हैं. आंकड़ों के अनुसार तीन से चार सौ मरीज प्रतिदिन सुबह से शाम तक ओपीडी में पहुंच रहे हैं. जबकि इमरजेंसी या अन्य तरीके से मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे है. इस मौसम में सबसे अधिक कोल्ड डायरिया व फीवर के रोगी आ रहे हैं. अस्पताल के चिकित्सकों ने कहा कि ठंड के असर से कई प्रकार की बीमारियां होती है. भर्ती होने वाले मरीजों को कंबल दिया जा रहा है. ठंड के कारण बीमार पड़ने वाले मरीजों के इलाज के लिए दवा अस्पताल में उपलब्ध है.

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