बिहार की राजधानी पटना में मौसम विभाग के अलर्ट के बाद शनिवार की सुबह झमाझम मूसलाधार बारिश हुई. लगभग तीन घंटे तक जमकर बारिश हो गयी. इसके बाद शहर पानी-पानी हो गया. निगम कर्मियों की हड़ताल के कारण कई दिनों से ठप सफाई व्यवस्था के कारण बारिश के बाद शहर की स्थिति और भी नारकीय हो गयी है. पानी के साथ कूड़ा भी सड़क पर फैल गया है. मुख्य रोड, बाजार से लेकर गली-मोहल्ले व सरकारी दफ्तरों तक में पानी प्रवेश कर गया.
प्रदेश में मानसून सीजन का तीसरा महीना खत्म हो गया है. इस साल बिहार में बीते तीन महीनों के दौरान महज 486.2 मिमी वर्षा दर्ज की गई है. जो की सामान्य से 38 प्रतिशत कम है. मौसम विज्ञान केंद्र पटना ने अगले दो दिनों तक भारी बारिश होने की चेतावनी जारी की है. मौसम विभाग के अनुसार पटना, सुपौल, किशनगंज और पूर्णिया में भारी बारिश होने के आसार है. प्रदेश के 16 जिलों में मेघ गर्जन के साथ भारी बारिश होने की संभावना है.
हिमालय के तलहटी इलाकों में मानसून के ठहराव के कारण उत्तर बिहार के जिलों में अगले चार दिनों तक अच्छी बारिश की उम्मीद है. राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक के पूर्वानुमान के अनुसार तराई और मैदानी इलाकों में वर्षा के अनुमान है. इस अवधि में आठ से दस किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पछिया हवा चलेगी. अधिकतम तापमान 34 से 36 डिग्री और न्यूनतम 26 से 27 डिग्री सेल्सियस के बीच होगा.
गया में अलग-अलग जगहों पर वज्रपात से पांच लोगों की मौत हो गयी है. शुक्रवार को बारिश के दौरान तीन जगह वज्रपात हुआ. जिसमें पांच लोगों की मौत हो गयी. वहीं, दो महिलाएं बुरी तरह से झुलस गयी है. एक घटना में एक ही परिवार के मां, बेटा और बेटी की मौत हो गयी है. वहीं, दूसरी घटना सूरजमंडल में घटी है. खेत में काम कर रही महिला के पास वज्रपात हुआ. जिसमें रटनी के संतोष यादव की पत्नी सीता देवी की मौत हो गयी. तीसरी घटना इमामगंज के रौंशा गांव की है. रौंशा गांव में वज्रपात होने से गौतम दास के दस वर्षीय बेटे की मौत हो गयी.