बिहार यास तूफान के सीधे प्रभाव से अब मुक्त हो चुका है. हालांकि यास तूफान जाते-जाते प्रदेश के वातावरण में जबर्दस्त नमी छोड़ गया है. इसके चलते प्रदेश में थंडरस्टॉर्म की गतिविधियां चरम पर हैं. पूरा प्रदेश तीन दिनों से थंडरस्टॉर्म की गिरफ्त में है. यास की वजह से प्रदेश के वातावरण में औसतन 86 से 90% तक नमी है. सामान्य तौर पर इस समय में नमी की मात्रा 40% के आसपास ही रहा करती है.
इस दौरान 40 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की झोंकेदार हवाओं के साथ प्रदेश के कई इलाकों में जमकर बारिश हुई है. राजधानी पटना में अचानक जारी की गयी चेतावनी के चालीस मिनट के अंदर थंडरस्टॉर्म के चलते जबरदस्त बारिश हुई. फिलहाल जैसे ही दिन का तापमान बढ़ता है, वैसे ही नमी और तापमान आदि की परिस्थितियों के चलते थंडरस्टॉर्म बन रहे हैं. मंगलवार को पटना सहित तकरीबन 20 से अधिक जिलों में अच्छी खासी बारिश हुई है. जबरदस्त आकाशीय बिजली भी गिरी है.
बिहार में मौजूद हैं ऐसी ही परिस्थितियां- स्थानीय मौसम विज्ञानियों के मुताबिक सुबह से ही चमकदार धूप खिली. तापमान 35 से 40 डिग्री के बीच पहुंचा. नमी युक्त गर्म हवा आसमान में बर्फ के रूप में उड़ रहे बादलों से मिली. यही हवा ठंडी क्यूम्यलोनिम्बस बादल बनाती है, जिसकी वजह से थंडरस्टॉर्म (आंधी-पानी) बनते हैं. यह समूची गतिविधि स्थानीय या क्षेत्रीय तूफान, तापमान, नमी की मात्रा आदि से प्रभावित होती है. फिलहाल थंडरस्टॉर्म के लिए जरूरी समूची परिस्थितियां बिहार के विभिन्न हिस्सों में बनी हुई हैं.
पटना सहित बिहार के विभिन्न हिस्सों में थंडरस्टॉर्म के दौरान आकाशीय बिजली भी जमकर गिरी है. मौसम विज्ञानियों के मुताबिक इस तरह की मौसमी परिस्थितियां लगातार बनी रहेंगी. बीच-बीच में बारिश होती रहेगी. 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान जाने की संभावना करीब करीब खत्म हो गयी है. दरअसल मॉनसून आने तक थंडरस्टॉर्म गतिविधियां लगातार बनी रहने वाली हैं.
निश्चित तौर पर यास तूफान के असर से प्रदेश के वातावरण में नमी की मात्रा औसत से कई गुना ज्यादा है. इसी वजह से लोकल थंडरस्टॉर्म बन रहे हैं. सतह से लेकर वायुमंडल के तापमान में आने वाले उतार चढ़ाव की वजह से थंडरस्टॉर्म आते हैं. हालांकि कुछ दिनों में इनमें कमी आयेगी, लेकिन बीच-बीच में बरसात होते रहना तय है.
डॉ ए सत्तार, वरिष्ठ मौसम विज्ञानी, डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय
Posted By : Avinish Kumar Mishra