बेतिया : अब आम आदमी को मौसम का पूर्वनुमान हो या हवा का रुख व गति सबकी जानकारी अग्रिम तौर पर शीघ्र ही मिलने लगेगी. इसको सुलभ बनाने के उद्देश्य से जिला अंतर्गत सभी प्रखंड मुख्यालयों में स्वचालित मौसम केंद्र स्थापित करने की योजना अब अंतिम चरण में है.
जिले के नरकटियागंज, सिकटा और मधुबनी के प्रखंड मुख्यालयों को छोड़ शेष 15 प्रखंड मुख्यालयों में स्वचालित मौसम केंद्र (ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन) स्थापित किये जा चुके हैं. जिला सांख्यिकी पदाधिकारी लालदेव रजक ने बताया कि उपरोक्त तीन प्रखंडों में ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन के लिये स्थापित करने के लिये चयनित स्थल के लो-लैंड होने से फिलवक्त जल जमाव जैसी स्थिति के कारण ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन का निर्माण अब तक नहीं हो पाया है. जबकि अन्य प्रखंडों में करीब एक माह पहले ही उक्त निर्माण पूरा कर लिया गया है.
जिला सांख्यिकी पदाधिकारी ने बताया कि प्रखंड मुख्यालयों में स्थापित स्वचालित मौसम केन्द्रों का स्थापन एवं क्रियान्वयन का कार्य जिला प्रशासन के सहयोग से जिला सांख्यिकी कार्यालय द्वारा किया जाएगा. साथ ही पंचायत वार स्थापित होने वाले ‘ऑटोमेटिक रेन गेज’ अर्थात स्वचालित वर्षा मापक यंत्र वर्षापात के आंकड़े को सुगमता से संग्रहण करेंगे.
पंचायत स्तर पर स्थापित होने वाले स्वचालित वर्षा मापक यंत्रों के माध्यम से पंचायतवार आंकड़ों का संग्रहण का कार्य कृषि विभाग के माध्यम से संस्थापित किया जायेगा. जिला सांख्यिकी पदाधिकारी लालदेव रजक ने बताया कि अक्सर यह देखा जाता है कि प्रखंड मुख्यालय में बारिश हुई, तो उसे प्रखंड के कई गांवों में बारिश नहीं हुई.
अथवा गांवों में बारिश हुई तो प्रखंड मुख्यालय में एक बूंद भी बारिश नहीं हुई ऐसी स्थिति में वर्षापात का सही आकलन नहीं हो पाता है. प्रखंड मुख्यालय में हुई बारिश से पूरे प्रखंड का वर्षापात आंकड़ा प्रस्तुत करना पड़ता है. अब पंचायतों में वर्षामापी यंत्र लगाने के बाद वर्षापात से संबंधित विसंगति की काफी हद तक दूर होगी और सही जानकारी मिल सकेगी.
posted by ashish jha