चक्रवाती तूफान से पहले क्यों जारी किया जाता है रेड, येलो और ऑरेंज अलर्ट? जानिए मौसम विभाग की चेतावनी के बारे में सबकुछ
Cyclone Yaas Track Live: चक्रवाती तूफान यास का लैंडफॉल ओडिशा के बालासोर में हो गया है. बताया जा रहा है कि अगले कुछ घंटों में यह तूफान पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार और ओडिशा के कई जिलों में कहर बरपा सकती है. तूफान की रफ्तार को देखते हुए ओडिशा और बंगाल में रेड अलर्ट जारी किया गया है, जबकि बिहार में येलो और ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है.
Cyclone Yaas Latest Update: चक्रवाती तूफान यास का लैंडफॉल ओडिशा के बालासोर में हो गया है. बताया जा रहा है कि अगले कुछ घंटों में यह तूफान पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार और ओडिशा के कई जिलों में कहर बरपा सकती है. तूफान की रफ्तार को देखते हुए ओडिशा और बंगाल में रेड अलर्ट जारी किया गया है, जबकि बिहार में येलो और ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. जब भी चक्रवाती तूफान की वजह से जानमाल की क्षति की आशंका होती है तो, मौसम विभाग के द्वारा इन अलर्टों को जारी किया जाता है. आइए समझते हैं, किन परिस्थितियों में रेड, येलो और ऑरेंज अलर्ट जारी किया जाता है.
रेड अलर्ट- मौसम विभाग द्वारा रेड अलर्ट तब जारी किया जाता है, जब आंधी बारिश की संभावनाएं रहती है. इस सिचुएशन में इलाके से लोगों को हटाने का काम किया जाता है, जिससे जान-माल की ज्यादा क्षति न हो. रेड अलर्ट उन इलाकों में जारी किया जाता है, जहां पर चक्रवाती तूफान का खतरा सबसे अधिक रहता है.
येलो अलर्ट- रेड अलर्ट के बाद मौसम विभाग येलो अलर्ट जारी करता है. यह अलर्ट उन इलाकों में जारी किया जाता है, जहां चक्रवाती तूफान का असर सीधा तो नहीं, लेकिन रेड अलर्ट एरिया से सटे होने की वजह से पड़ता है. येलो अलर्ट इलाकों में भारी बारिश और हवा की रफ्तार तेज रहती है. मौसम विभाग उन इलाकों में येलो अलर्ट जारी करता है, जहां हवा की रफ्तार 50-60 के बीच होने का अनुमान रहता है.
ऑरेंज अलर्ट- मौसम विभाग की ओर से रेड और येलो के बाद ऑरेंज अलर्ट जारी किया जाता है. यह अलर्ट चक्रवाती तूफान के बाद होने वाली संभावित बारिश को ध्यान में रखकर किया जाता है. ऑरेंज अलर्ट के इलाके में मूसलाधार बारिश की संभावनाएं बनी रहती हैं.
अलर्ट के अनुसार आपदा विभाग करती है तैयारी- बता दें कि आपदा प्रबंधन विभाग मौसम केंद्र के अलर्ट के अनुसार अपनी तैयारी करती है, जिन इलाकों के लिए रेड अलर्ट जारी होता है. वहां सबसे पहले लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाया जाता है. वहीं एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम की तैनाती रेसेक्यू के लिए किया जाता है.
Posted By : Avinish Kumar Mishra