बिहार में इस दिन से बारिश की अच्छी संभावना, मॉनसून की ट्रफ लाइन उत्तर की तरफ खिसकी, जानें मौसम अपडेट

बिहार में 19 जुलाई से बारिश की अच्छी संभावना है. अब मॉनसून की ट्रफ लाइन उत्तर की तरफ खिसक गयी है. बिहार में बारिश नहीं होने पर महिलाएं तरह-तरह के टोटके भी कर रही है. वहीं इद्रदेव को मनाने के लिए ग्रामीणों ने ब्रह्मभोज कर इंद्रदेव से पानी की कामना कर रहे है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 17, 2022 5:15 PM

पटना. बिहार में किसान सुखाड़ की मार झेल रहे है. दक्षिण बिहार के कई जिलों में सुखाड़ के कारण किसानों की फसल चौपट हो गयी है. अनावृष्टि से परेशान लोगों के लिए राहत की उम्मीद है कि मॉनसून की ट्रफ लाइन दक्षिण की तरफ थी, जिससे मॉनसून सक्रिय नहीं हो पा रहा था. अब ट्रफ लाइन उत्तर की तरफ मुड़ी है. जिसके कारण बारिश के साथ अकाल के बादल भी दूर हो सकते है. 19 जुलाई से पूरे उत्तर बिहार में पहुंच जाएगा. मौसम वैज्ञानिक डॉ ए सत्तार के अनुसार मॉनसून में बदलाव की उम्मीद है. धूप-छांव का खेल चल रहा है, जो अगले सप्ताह राहत भरी बारिश से होगी.

20 व 21 जुलाई को उत्तर बिहार में अच्छी बारिश की संभावना

16 से 20 जुलाई के पूर्वानुमान में 20 व 21 जुलाई को उत्तर बिहार के हिस्सों में अच्छी बारिश की संभावना है. पूर्वी व पश्चिम चंपारण तथा तराई के जिलों में अधिक बारिश की उम्मीद है. पूर्व के पूर्वानुमान अवधि में वर्षा न होने के कारण बहुत से किसान धान की रोपाई नहीं कर पाये है. ऐसे किसान वर्षों की संभावना को देखते हुए खेत की तैयारी करें. उर्वरक का व्यवहार मिट्टी जांच के आधार पर करें. उचास जमीन पर किसान अरहर की खेती कर सकते हैं.

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बारिश नहीं होने से महिलाएं कर रहीं टोटके

बिहार में बारिश नहीं होने पर महिलाएं तरह-तरह के टोटके कर रही है. वहीं इद्रदेव को मनाने के लिए ग्रामीणों ने ब्रह्मभोज कर इंद्रदेव से पानी की कामना कर रहे है. महिलाएं अपने पड़ोस के चिड़चिड़ा महिला या पुरुष को गोबर मिट्टी घोलकर रात्रि में सोने पर उसके ऊपर फेंक देते है. जिससे व व्यक्ति अपनी हालत देखकर आम लोगों को गाली देने लगती है. जिससे लोग खुश होते है और उम्मीद करते है कि उसके गाली देने से बारिश जरुर होगी. इस प्रकार के टोटके लोग प्रतिदिन कर रहे है.

ग्रामीण पीपल के पेड़ के नीचे एकत्रित होकर इंद्रदेव की पंडित बुलाकर पूजा अर्चना करवाते हैं और भोज का आयोजन होता हैं. जिससे सभी लोग उसभोज में सरीक होकर प्रसाद के रूप में उसे ग्रहण करते है और अपने परिवार के अन्य सदस्यों के लिए भी घर ले जाते है. इतना करने के बाद भी वर्षा नहीं हो रही है. बारिश नहीं होने से लोग अनुमान लगा लिये है कि अकाल होना तया है.

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