Bihar News: बिहार में मौसम बदल गया है. बारिश से एक तरफ जहां नदी का जलस्तर बढ़ रहा है. वहीं,बुधवार को हुई झमाझम बारिश से लोगों को गर्मी व उमस से राहत मिली है. किसान लंबे समय से बारिश का इंतजार कर रहे हैं. बारिश के इंतजार में आसमान की टकटकी लगाये हुए धान के किसानों के चेहरे खिल उठे हैं. मंगलवार की बात करें तो इस दिन शाम में 20 मिलीमीटर से अधिक बारिश हुई. वहीं, जगदीशपुर, शाहकुंड, गोराडीह, सन्हौला समेत अन्य प्रखंडों में भी शहर से अधिक बारिश हुई है. बीएयू सबौर के ग्रामीण कृषि मौसम सेवा के नोडल पदाधिकारी डॉ सुनील कुमार ने बताया कि पांच अगस्त तक भागलपुर में आसमान में हल्के बादल छाये रह सकते हैं. दो से पांच अगस्त के बीच कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है. इस दौरान पूर्वा हवा की औसत गति 10 से 16 किलोमीटर प्रति घंटा रह सकती है. मौसम विभाग ने राज्य में भारी बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया है.
मानसून की धीमी रफ्तार और कम बारिश के कारण जून के बाद एक महीने में 10 जिलों का जलस्तर नीचे गया है. इसमें उत्तर और दक्षिण बिहार दोनों के ही जिले शामिल है. पीएचईडी यानि लोक स्वास्थ्य अभयंत्रण विभाग की ओर से रिपोर्ट जारी की गई है. 28 जिलों के जलस्तर का रिकोर्ड तैयार हुआ है. पिछले एक महीने में सीतामढ़ी का जलस्तर दो फीट नीचे गया है. पटना में अभी तक धान की रोपनी 34.88 प्रतिशत हुई है. इसके लिए जिलाधिकारी ने सभी एसडीओ को धान की रोपनी की प्रतिदिन समीक्षा करने का निर्देश दिया है.
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बारिश कम होने से धान की खेती कर रहे किसान हताश हैं. भागलपुर में धान की रोपनी महज 11 प्रतिशत हुई है. जुलाई में भागलपुर जिले में औसतन 309 मिलीमीटर बारिश होती है. लेकिन इस वर्ष जुलाई में महज 157.6 मिलीमीटर बारिश हुई. वहीं अगस्त में औसतन 263 मिलीमीटर बारिश होती है. अगस्त की पहली तारीख को झमाझम बारिश के साथ आगाज हुआ है. अगस्त में सामान्य बारिश होने की उम्मीद लगायी जा रही है. अब तक जिले में धान की रोपनी का 11 प्रतिशत लक्ष्य पूरा हुआ है. बारिश होने से रोपनी का ग्राफ काफी तेजी से बढ़ेगा. वहीं किसानों को खेत के पटवन के लिए डीजल अनुदान दिया जा रहा है. मौसम चक्र एक माह आगे बढ़ा है.
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भागलपुर समेत पूरे पूर्व बिहार की बात करें तो बीते एक दशक में धीरे-धीरे मौसम चक्र एक माह आगे बढ़ा है. कभी दिसंबर में पड़ने वाली कड़ाके की ठंडक जनवरी में हो रही है. यही स्थिति मानसून की है. सावन महीने के सूखे के बाद भादो व आश्विन के महीने में बारिश हो रही है. मामले पर टीएमबीयू के पीजी भूगोल विभाग के पूर्व एचओडी डॉ एसएन पांडेय ने बताया कि इस बार अलनीनो के असर से मानसून काफी डिस्टर्ब हुआ है. वहीं मौसम चक्र में तेजी से हो रहे बदलाव के कारण 15 अगस्त से लेकर 15 सितंबर तक अधिकांश वर्षा हो रही है. इस साल भी बारिश होगी लेकिन लेट से हो रही है. किसानों को भी बदलते मौसम चक्र को ध्यान में रखकर खेतीबारी के तरीके में बदलाव करने की सलाह दी जा रही है. किसानों को 15 दिन विलंब से धान की खेती की तैयारी शुरू करने की जरूरत है. उन्होंने बताया कि पछिया हवा कमजोर पड़ने व मानसूनी पूर्वा हवाओं के दबाव के कारण देश के उत्तरी हिस्से में इस समय मानसून अधिक सक्रिय है.
इधर, लखीसराय पिछले एक सप्ताह से लोगों को उमस भरी गर्मी से निजात नहीं मिल रहा है. शहर के लोग उमस भरी गर्मी के कारण गलियों व पेड़ के नीचे दिन बिताते हुए नजर आ रहे है. गर्मी के कारण फुटपाथ व छोटे-छोटे दुकानदार को पसीने से तरबतर होकर दुकान में बैठ दुकानदारी करना पड़ रहा है. लोग वर्षा की आस देख रहे हैं, लेकिन आसमान में बादल मंडराने के बाद भी इस जिले में बारिश नहीं हो रही है. यहां एक तरफ लोगों को उमस भरी गर्मी से निजात नहीं मिल रहा है, तो दूसरी तरफ किसान भी बूंद-बूंद की बारिश के लिए तरस रहे हैं. जिले के पड़ोस जमुई, शेखपुरा आदि जिलों में बारिश होने की बात कही जाती है, तो इस जिले में वर्षा नहीं होने पर लोग तरह-तरह की बात भी करने लगे हैं. मंगलवार तक राज्य का सबसे गर्म जिला सीतामढ़ी रहा. यहां का तापमान 40.1 डिग्री दर्ज किया गया. गुरुवार को बक्सर, भोजपुर, कैमूर, रोहतास, औरंगाबाद, गया, जहानाबाद, अरवल, पटना, नालंदा, बेगूसराय, शेखपुरा, नवादा, लखीयराय, जमुई, मुंगेर, खगड़िया, बांका और भागलपुर में ठनका को लेकर अलर्ट है. जबकि, औरंगाबाद, रोहतास और कैमूर में भारी बारिश को लेकर अलर्ट है.