Bihar News: बिहार में अब मौसमी बीमारियों का पूर्वानुमान जारी होगा. यहां के लोगों को अब एक हफ्ते पहले ही बीमारियों से जुड़ी कई तरह की जानकारी मिलेगी. इससे लोगों को कई तरह के लाभ भी मिलेंगे. आम लोगों को इससे कई तरह के फायदे होने वाले हैं. राज्य में सरकार की मदद से बीमारियों के फैलने से एक सप्ताह पहले ही एक एडवाइजरी को जारी किया जाएगा. इसके लिए एक खास बुलेटिन जारी किया जाएगा. बताया जाता है कि अगले दो हफ्ते में इस मामले में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया जाएगा. पटना के मौसम विज्ञान केंद्र और एम्स के संयुक्त पहल पर राज्य में होने वाले मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए एक खास पूर्वानुमान जारी किया जाएगा. इससे लोगों तक लाभ भी पहुंचेगा.
जानकारी के अनुसार राज्य सरकार की मदद से इन बीमारियों के फैलने से एक सप्ताह पहले ही एक एडवाइजरी जारी होगी. वहीं, फिलहाल यहां के लोग कई तरह के बीमारियों से परेशान है. एईएस और डेंगू जैसी बीमारियों ने लोगों की परेशानी को बढ़ा दिया है. बताया जाता है कि किसी खास तरह के मौसम में मौसमी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. एम्स के चिकित्सक और मौसमविदों ने अध्ययन में ऐसा पाया है कि सूबे में बारिश की विशेष मात्रा और खास तरह के तापमान में मौसमी रोगों का प्रसार होता है. ऐसे में समय रहते पूर्वानुमान जारी होने से लोगों को कई तरह के फायदें होंगे.
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मौसमी बीमारियों का पूर्वानुमान जारी होने से पहले से जरुरी तैयारी करने में मदद मिलेगी. पर्याप्त सतर्कता रखी जा सकेगी. मौसम विज्ञान केंद्र पटना के निदेशक आशीष कुमार ने इस मामले में जानकारी दी है. उन्होंने बताया है कि पूर्वानुमान के तौर पर एक बुलेटिन जारी किया जाएगा. इसमें आम लोगों के साथ ही स्वास्थ्यक्मियों के लिए जानकारी साझा की जाएगी. बीमारी से बचाव के लिए क्या जरुरी है. इसकी जानकारी दी जाएगी. बता दें कि समय रहते बीमारी की जानकारी रहने से लोगों को पहले से एहतियातन तैयारी रखने में मदद मिलेगी. आम लोग बीमारी के फैलने को लेकर सचेत रहेंगे.
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मौसमी बीमारी वह बीमारी है, जो विशेष रूप से विभिन्न मौसम और ऋतुओं में उत्पन्न होती है तथा उनके बदलते मौसम तथा पर्यावरण के परिणामस्वरूप होती है. यह बीमारियां विभिन्न तत्वों और अधिकांशत: वायरसों, बैक्टीरिया, और यहां तक कि फंगस द्वारा हो सकती हैं. इनमें जुकाम और सर्दी-जुकाम (इन्फ्लुएंजा) सबसे सामान्य मौसमी बीमारियों में शामिल हैं. यह बीमारियां ठंडी और मौसमी बदलाव के आस-पास होने वाली सामान्य बीमारियां हैं. यह वायरसों के कारण होती हैं और आमतौर पर नाक बहना, गला खराब होना और थकान महसूस करना इसमें शामिल है.
एलर्जी भी एक प्रकार की मौसमी बीमारी है. एलर्जी, पौधों के फूलों, धूल या अन्य तत्वों से उत्पन्न होने वाली एक प्रतिक्रिया है. यह मौसम और पर्यावरण के अनुसार बदल सकती है. अस्थमा के बारे में बता दें कि यह एक श्वास नलिका संक्रमण है जो मौसमी बदलाव और अधिकांशत: ठंडी के मौसम के कारण उत्पन्न हो सकता है. डेंगू भी मौसमी बीमारी ही है. यह एक मच्छरों द्वारा प्रकारित वायरस से होने वाली बीमारी है, जो गर्मियों और बर्फीले मौसम में अधिक होती है. जलवायु- संबंधी माइकोजिस्टिस एक प्रकार की फंगल इंफेक्शन है, जो वर्षा के मौसम में हो सकती है. रेनोवायरस संक्रमण एक प्रकार की वायरल इंफेक्शन है जो वर्षा के मौसम में हो सकती है. यह बीमारियां विभिन्न मौसम तथा पर्यावरणीय तत्वों के परिणामस्वरूप उत्पन्न होती हैं और सामान्यतः उनके बदलते मौसम और जलवायु के आधार पर वृद्धि दिखाती हैं.
बता दे बदलते मौसम में सेहत का बिगड़ना आम बात माना जाता है. लेकिन, कुछ सावधानियां रखी जाए तो स्वास्थ्य संबंधी किसी भी तरह की मुसीबत से बचा जा सकता है. मौसमी बीमारियों से बचने के लिए सावधानी बहुत ही जरुरी है. ज्यादातर बारिश के मौसम में सर्दी, खांसी, बुखार जैसी सामान्य बीमारियों के मरीजों की संख्या बढ़ती है. वहीं, लापरवाही बरतने से मौसमी बीमारी जानलेवा भी साबित हो सकती है. इसलिए सावधानी बरतना काफी जरुरी है.