बिहार: आटा के दाम में हो सकती है बढ़ोतरी, लोगों की जेब पर पड़ेगी मार, जानिए कारण
Bihar News: बिहार में अब आटा के दाम में इजाफा देखने को मिल सकता है. इसके बाद लोगों की जेब पर असर पड़ेगा. लोगों के रसोई घर का बजट बिगड़ सकता है. वही, पहले से ही लोग महंगाई की मार को झेल रहे हैं.
Bihar News: बिहार में अब आटा के दाम में बढ़ोतरी हो सकती है. इसके बाद लोगों की जेब पर असर पड़ेगा. लोगों को महंगाई की मार झेलनी पड़ सकती है. आटा के दाम में अगर बढ़ोतरी होती है, तो लोगों के किचन का बजट बिगड़ जाएगा. चक्रवात मिचौंग का असर बिहार में देखने को मिल रहा है. मौसम ने यहां करवट ले ली है. गुरूवार को पटना समेत आसपास के इलाके में बारिश हुई है. गोपालगंज में भी गुरूवार को बारिश हुई है. इसके बाद मौसम का तो मिजाज पूरी तरीके से बदल चुका है.लोगों ने अपने गर्म कपड़ों को बाहर निकाल लिया है. शाम, रात और सुबह के अलावा अब दोपहर में भी लोगों को ठंड लग रही है. पछुआ हवा भी चला है. इस कारण न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई है.
गेंहू की उपज कम होने की उम्मीद
मौसम की मार लोगों को झेलना पड़ रहा है. चक्रवात मिचौंग ने दूसरे राज्यों में भारी तबाही मचा दी है. फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है. बारिश की वजह से खेतों मे नमी होगी. इस कारण फसलों को नुकसान पहुंच सकता है. गेंहू की उपज कम होने की उम्मीद जताई जा रही है. इस कारण आटा के दामों में बढ़ोतरी की संभावना जताई जा रही है. वहीं, आलू के दामों में कमी देखने को मिल सकती है. क्योंकि, इसकी पैदावार अच्छी होगी. वहीं, अगर तापमान में गिरावट नहीं होती है. इससे भी फसलों को नुकसान पहुंच सकता था. फिलहाल, गंहू की बुआई के सही समय का अंतिम दौर चल रहा है. लेकिन, फिलहाल तापमान खेती के लिए अनुकुल नहीं है. बताया जाता है कि बूंदाबांदी गेंहू के फसलों के लिए नुकसान दायक हो सकती है. यह किसानों के लिए चिंता का विषय बन चुकी है. खासकर वह किसान चिंतित है, जिन्होंने अभी तक बुआई नहीं की है. देर से बुआई करने के कारण गेंहू के फसल की गुणवत्ता और पैदावार दोनों को ही नुकसान पहुंचता है.
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सर्दियों के मौसम में फसलों का खास ख्याल रखना जरूरी
गेंहू की बुआई का अभी सही समय है. लेकिन, बुआई के लिए तापमान सही नहीं है. बाद में बुआई होती है, तो फसलों को नुकसान पहुंच सकता है. दूसरी ओर अधिक ठंड पर खेती के लिए नुकसान दायक साबित हो सकती है. जानकार बताते है कि गेंहू की गुणवत्ता को खेतों में नमी होने से नुकसान पहुंच सकता है. समय के साथ ही अगर तापमान ठीक नहीं हो तो फसल की पैदावार काफी प्रभावित हो सकती है. वहीं, सर्दियों के मौसम में फसलों का खास ख्याल रखना बहुत ही जरूरी होता है. कई बार सर्दियों में बर्फ जमने से गेंहू की फसल को काफी नुकसान हुआ है.
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सस्ता प्याज मिलने में लोगों को परेशानी
दूसरी ओर प्याज के बारे में बता दें कि अब लोगों को सस्ता प्याज मिलने में समस्या हो रही है. टमाटर के दाम में भी इजाफा देखने को मिला है. भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नेफेड) और भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ (एनसीसीएफ) लोगों को सस्ता प्याज उपलब्ध करा था. लेकिन, इस योजना पर अब थोड़ा ब्रेक लग चुका है. सस्ता प्याज बेचने का काम रूक चुका है. काउंटर के खुले नहीं होने के कारण लोग उदास होकर वापस लौट रहे हैं. नेफेड और एनसीसीएफ का वैन पहले भम्रण करता हुआ नजर आता था. लेकिन, अब इसमें भी बदलाव देखने को मिला है. वहीं, बिस्कोमान में अभी भी सस्ता प्याज बेचने की बात सामने आई है. सस्ते दर पर यहां लोगों को प्याज उपलब्ध कराया जा रहा है. शहर के अलग- अलग इलाके में वैन के जरिए प्याज उपलब्ध कराया जाता था. लेकिन, अब इसमें बदलाव देखने को मिला है. लोगों को कम दरों में प्याज मिलने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, गेंहू के बारे में बता दें कि इसके कई फायदे होते है. इसमें औषधीय गुण पाए जाते है. कहा जाता है कि यह कई बीमारियों में दमा की तरह काम करता है. गेंहू को रोटी हलवा या दलिया के रूप में प्रयोग किया जाता है. कई बीमारियों को ठीक करने में यह मदद करता है. दिमाग की क्षमता को भी यह बढ़ाने में मदद करता है.
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