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Weather: बिहार में बारिश के लिए अभी करना होगा इंतजार, तापमान में बढ़ोतरी की संभावना, जानें मौसम अपडेट

Bihar Weather: मौसम विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो बीते साल जुलाई माह में तापमान औसतन हर दिन सामान्य से कम था. एक जुलाई से आठ जुलाई तक के तापमान का आंकड़ा बताता है कि साल 2021 का जुलाई माह 2022 से कम गरम था.

बिहार में अभी बारिश की बूंद का और इंतजार करना होगा. मौसम विभाग के अनुसार मॉनसूनी रेखा दक्षिण होने के कारण बरसात की संभावना नहीं है. साथ ही अगले 12 जुलाई तक तापमान में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा सकती है. राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विभाग के विशेषज्ञ ने बताया है कि इस दौरान तापमान 36 से 38 डिग्री सेल्सियस तक रहेगा. जबकि न्यूनतम तापमान भी सामान्य से अधिक रहेगा. न्यूनतम तापमान 27 से 29 डिग्री सेल्सियस तक रह सकता है. यदि मौसम विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो बीते साल जुलाई माह में तापमान औसतन हर दिन सामान्य से कम था. एक जुलाई से आठ जुलाई तक के तापमान का आंकड़ा बताता है कि साल 2021 का जुलाई माह 2022 से कम गरम था.

एक सप्ताह में तापमान में बढ़ोतरी

बीते एक सप्ताह में तापमान में पांच से छह डिग्री सेल्सियस का इजाफा हुआ है. मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार 30 जून को अधिकतम तापमान सामान्य से 3.4 डिग्री सेल्सियस कम था. जबकि न्यूनतम तापमान 2.4 डिग्री सेल्सियस कम था. विभाग से मिली जानकारी के अनुसार 30 जून को अधिकतम तापमान 30.6 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया. जबकि न्यूनतम तापमान 23.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया. बीते एक सप्ताह बाद 7 जुलाई को तापमान सामान्य से 2.9 डिग्री सेल्सियस अधिक था. वहीं न्यूनतम तापमान 0.4 डिग्री अधिक रिकॉर्ड किया गया.

10 जुलाई तक वर्षा के नहीं हैं आसार

बीते पांच दिन से पश्चिम चंपारण से शून्य वर्षापात की रिपोर्ट है. आगामी 10 जुलाई तक के लिए पटना के मौसम विज्ञान कार्यालय से जारी वर्षा के पूर्वानुमान रिपोर्ट में वर्षापात की स्थिति नगण्य प्राय रहने भविष्यवाणी की गयी है. खेतों में धान के सूखे बिचड़े को देख किसानों का कलेजा फट रहा है. कमोबेश यही स्थिति पूरे जिले की है. किसानों की दिन व रात वर्षा की इंतजार में कट रही है. मगर मानसून छलावा बना है.

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धान की पैदावार घटने से बढ़ेगा किसानों पर बड़ा संकट

बादल आते और चले जाते हैं, लेकिन बरसते नहीं. यहां उल्लेखनीय है कि बीते साल जून में ही लोग शहर में जलजमाव और गांवों में बाढ़ झेल रहे थे. वही इस साल के मानसून का मौसम और आसाढ़ जैसा महीना में भी बरसात लोगों के लिये छलावा बनी है. बादल आते और छाकर वापस लौट जाते हैं. लेकिन बरसते नहीं हैं. इधर तीखी धूप की तेज गर्मी से खेतों से नमीं कम हो रही है. बरसात और पटवन के अभाव में खेतों में धान के बिचड़े सूख रहे हैं. इसको देखकर किसानों का कलेजा फट रहा है. कमोबेश यह स्थिति पूरे जिले की है.

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