पटना. जल संसाधन मंत्री संजय झा ने विधानसभा में कहा कि मधुबनी एवं दरभंगा के किसानों को सिंचाई सेवा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रारंभ पश्चिमी कोसी नहर परियोजना मार्च 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य है. इसके बाद इस योजना के विस्तारीकरण का कार्य प्रारंभ किये जाने का विचार है.
भाजपा के संजय सरावगी के अल्पसूचित प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि वर्ष 1971 में प्रारंभ यह परियोजना लंबी अवधि तक निधि की कमी एवं अन्य कारणों से उपेक्षित रही. भू-अर्जन से जुड़ी समस्याओं को देखते हुए वर्ष 2019 में कम गैप वाले नहरों को चिह्नित कर प्राथमिकता तय करते हुए सात अदद एकरारनामा के तहत कार्य करना प्रारंभ किया गया, जिनका कार्यान्वयन अपने अंतिम चरण में है.
वर्ष 2020 में इस परियोजना अंतर्गत लगभग 20-30 वर्ष पूर्व निर्मित नहरों में गाद सफाई के साथ क्षतिग्रस्त नहर बांधों एवं जीर्ण-शीर्ण संरचनाओं का पुनर्स्थापन कार्य तथा अधूरे नहर प्रणाली का निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया है, जिसे मार्च 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य है. उन्होंने बताया कि परियोजना अंतर्गत भविष्य में नहर प्रणाली के विस्तारीकरण हेतु 1193 क्यूसेक अतिरिक्त जलश्राव का प्रावधान है, जिससे दरभंगा जिले के दस प्रखंड एवं समस्तीपुर जिला के तीन प्रखंड में लगभग 48300 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो सकेगी.
मंत्री ने बताया कि बागमती बाढ़ प्रबंधन योजना कुल सात चरणों में कराया जाना प्रस्तावित है. इसके पहले फेज का काम पूरा हो चुका है. शेष चरणों का कार्य प्रगति पर है. उन्होंने बताया कि भू-अर्जन की प्रक्रिया, अतिक्रमण, विस्थापन, बड़े काम के लिए संवेदक के चयन व परिवर्तन आदि के कारण योजना के कार्यान्वयन में अपेक्षाकृत अधिक समय लग रहा है. इस योजना के तहत बागमती नदी किनारे तटबंधों का 128 किमी की लंबाई में नवनिर्माण एवं 335 किमी की लंबाई में उच्चीकरण एवं सुदृढ़ीकरण का कार्य किया जा रहा है.