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दरभंगा एयरपोर्ट के निर्माण में अब किस बात की देरी, बोले संजय झा- दरभंगा में एम्स बनकर रहेगा

बिहार सरकार की ओर से नवंबर में अपना काम कर दिया गया, लेकिन इस पर केंद्र सरकार की ओर से आज तक कोई काम शुरू नहीं किया गया. जो जमीन नहीं देने के नाम पर राजनीति कर रहे थे उनके काम का हिसाब होना चाहिए.

दरभंगा. बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय झा ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का फैसला था कि दरभंगा में एयरपोर्ट चालू हो. दरभंगा एयरपोर्ट के विकास के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हर संभव प्रयास किया. एयरपोर्ट के विकास के लिए राज्य सरकार ने 352 करोड़ रुपये से 78 एकड़ जमीन एक्वायर कर केंद्र सरकार को दिया है. बिहार सरकार की ओर से नवंबर में अपना काम कर दिया गया, लेकिन इस पर केंद्र सरकार की ओर से आज तक कोई काम शुरू नहीं किया गया. जो जमीन नहीं देने के नाम पर राजनीति कर रहे थे उनके काम का हिसाब होना चाहिए.

दरभंगा रेलवे स्टेशन को लेकर केन्द्र पर तंज

दरभंगा में विभिन्न योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन के अवसर पर मंत्री संजय झा ने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि कहा जाता है कि रेलवे स्टेशन का सुधार होगा, अभी तक दिल्ली स्टेशन का तो सुधार ही नहीं हुआ. दिल्ली जाने के लिए दरभंगा से कितनी ट्रेन हैं? सप्ताह में मात्र 2 दिन गरीब रथ है. आज तक दरभंगा से राजधानी नहीं हुई ना ही कोई फास्ट ट्रेन दरभंगा से दिल्ली जाने के लिए है. इस नौ साल में कुछ ट्रेनें दरभंगा को मिलना चाहिए थी. चुनाव आनेवाला है, तो रेलवे को विश्वस्तरीय बनाने की बात हो रही है.

समुद्र को भर कर शहर बस सकता है, दरभंगा में एम्स क्यों नहीं बन सकता

संजय झा ने एम्स के सवाल पर भी केंद्र और भाजपा पर गंभीर सवाल उठाये और दरभंगा के साथ उपेक्षा का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि मैं पिछले सप्ताह ही एक निजी यात्रा पर सिंगापुर गया था. वहां रह रहे मैथिल समाज के लोगों ने मुलाकात के दौरान बताया कि सिंगापुर का करीब एक तिहाई इलाका समुद्र को भर कर बसाया गया है. जब समुद्र को भर कर शहर बसाया जा सकता है, तो शोभन बाइपास के निकट आठ-दस फीट गहरी जमीन में मिट्टी भर कर एम्स क्यों नहीं बनाया जा सकता?. संजय कुमार झा ने कहा कि दरभंगा एम्स सिर्फ एक शहर का मामला नहीं, पूरे मिथिला के लोगों के स्वास्थ्य से जुड़ा मामला है. बिहार सरकार दरभंगा में एम्स निर्माण के लिए दृढ़ संकल्पित है. इसके लिए केंद्र सरकार को जमीन मुफ्त देने के साथ-साथ उसमें मिट्टी भराई के लिए राशि मंजूर कर निविदा भी आमंत्रित की जा चुकी है. उक्त भूमि पर मिट्टी भराई का काम अभी इसलिए शुरू नहीं हो पाया है, क्योंकि केंद्र सरकार से वहां एम्स निर्माण के लिए सहमति नहीं मिली है.

किसी मामले में मिथिला का हाथ कोई नहीं पकड़ सकता

संजय झा ने कहा कि पश्चिमी कोसी नहर परियोजना की शुरुआत 1962 में हुई थी और मैंने अपने प्रयास से 2021 में फिर से मुख्यमंत्री को यहां लाकर निरीक्षण करवाया तथा यह काम शुरू करवाया. छह दशकों के लंबे इंतजार के बाद जुलाई 2023 में पहली बार दरभंगा जिले में नहरों के जरिये सिंचाई के लिए कोसी नदी का पानी पहुंचा. सकरी शाखा नहर के अंतिम छोर से निस्सृत 8 किमी लंबी श्रीरामपुर वितरणी का हमने 20 जुलाई 2023 को लोकार्पण किया था, जिससे दरभंगा जिले के मनीगाछी और बेनीपुर प्रखंड के अनेक गांवों के किसानों को अल्पवृष्टि के बीच रोपनी के लिए पानी मिल रहा है. आज 61 साल के बाद 70% काम पूरा हुआ है. यहां के लोगों के लिए एक बड़ी उपलब्धि है. दरभंगा में सिंचाई की सुविधा न करने के बराबर थी. इसको जल संसाधन विभाग ने पश्चिमी कोसी नहर परियोजना के जल के द्वारा दरभंगा ही नहीं बल्कि समस्तीपुर पहुंचा कर यहां के लोगों को इस समस्या से समाधान कराएगी. संजय झा ने कहा कि यहां सड़क- बिजली की व्यवस्था ठीक हो गई है. सिंचाई की व्यवस्था हो गई तो मिथिला का हाथ कोई नहीं पकड़ सकता है.

दरभंगा में नहरों से सिचाई की कोई व्यवस्था ही नहीं थी

संजय कुमार झा ने कहा कि जल संसाधन विभाग द्वारा कटाव निरोधक कार्य तो कराया जाता था, लेकिन साथ में सीढ़ी घाट के निर्माण की शुरुआत दरभंगा जिले से ही हुई है. जिले के विभिन्न प्रखंडों के कई स्थानों पर सीढ़ी घाट का निर्माण कराया गया है. पक्के सीढ़ी घाट के निर्माण से आसपास के क्षेत्र में कटाव का दीर्घकालिक समाधान हो रहा है. विभाग द्वारा अगले सीजन में कुछ और क्षेत्रों में सीढ़ी घाट के निर्माण की योजना शुरू की जायेगी. संजय कुमार झा ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जब हमें जल संसाधन मंत्री के रूप में कार्य करने का अवसर दिया, तो बिहार में उपलब्ध सिंचाई सुविधाओं की समीक्षा के दौरान हमने देखा कि दरभंगा जिले में एक इंच भी जमीन ऐसी नहीं है, जहां नहरों के जरिये सिंचाई होती है. तब हमलोगों ने महत्वाकांक्षी पश्चिमी कोसी नहर परियोजना को पूरा करने का संकल्प लिया.

तैयार की जा रही है शांतिधार योजना

कहा कि विभाग द्वारा शांतिधार योजना तैयार की जा रही है. इसके तहत बागमती नदी के अधिशेष जल को समस्तीपुर जिले के कल्याणपुर प्रखंड अंतर्गत ग्राम घोघराहा के निकट से निकलने वाले शांतिधार के माध्यम से समस्तीपुर जिले के खानपुर प्रखंड अंतर्गत त्रिमुहानी ग्राम के निकट बूढ़ी गंडक नदी में मिलाने का प्रस्ताव है. इस महत्वपूर्ण योजना से दरभंगा और समस्तीपुर जिले के बड़े इलाके को बाढ़ एवं जलजमाव से राहत के साथ-साथ सिंचाई सुविधा भी मिलेगी.

बागमती के जल की होगी जांच

संजय कुमार झा ने कहा कि हमें जब भी काम करने का मौका मिला है, हमारी कोशिश रही है कि अपने लोगों के बीच में कुछ ऐसा काम करवा दें, जिससे बहुत से लोगों को सुविधा मिले. आज दरभंगा जिले में बाढ़ एवं कटाव से सुरक्षा की अनेक योजनाओं को धरातल पर पर उतरते देखना मेरे लिए आत्मसंतुष्टि का विषय है. शुभंकरपुर में आयोजित समारोह में उन्होंने कहा कि नदी का पानी काला क्यों हो रहा है, इसकी जांच के लिए जल संसाधन विभाग के विशेषज्ञों की टीम पटना से यहां भेजी जाएगी. टीम की रिपोर्ट के आधार पर आगे जरूरी कार्रवाई की जाएगी. विभाग का प्रयास होगा कि नदी में साफ जल का प्रवाह हो.

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