Wheat Rate: गेहूं की कीमत में रिकॉर्ड वृद्धि, लोगों ने कहा- कैसे मनाए पर्व?

गेहूं की कीमत में रिकॉर्ड वृद्धि देखी जा रही है. इस कारण गेहूं समेत आटा, सूजी तथा मैदा के नाम में भी काफी उछाल आ गया है. लोगों का कहना है कि गेहूं का आटा का दाम आसमान छू रहा है. मनमाने तरीके से दर का निर्धारण हो रहा है. आम आदमी परेशान है. हर घर का बजट बिगड़ गया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 10, 2022 11:15 AM

दरभंगा. कम आपूर्ति और ज्यादा मांग की वजह से गेहूं की कीमत में रिकॉर्ड वृद्धि देखी जा रही है. इस कारण गेहूं समेत आटा, सूजी तथा मैदा के नाम में भी काफी उछाल आ गया है. ऊपर से खाद्य पदार्थों पर जीएसटी भी लागू कर दिया गया है. इससे भोजन का स्वाद बिगड़ गया है. गेहूं का आटा जो पहले 2500 रुपये क्विंटल था, वह अब बढ़कर 2800 रुपये के आसपास चल रहा है. खुदरा में आटा का भाव करीब 32 रुपये किलो है.

‘गेहूं का कम उत्पादन हुआ’

व्यापारियों का कहना है कि स्थानीय स्तर पर गेहूं का कम उत्पादन हुआ. वहीं उपज के प्रारंभ में ही गेहूं की भारी मात्रा में बाहर सप्लाई कर दी गयी. इस कारण स्थिति निकट भविष्य में भी सुधरने वाली नहीं है. दिवाली के आसपास बढ़ी जरूरतों को पूरा करने के लिए बाहर से गेहूं का आयात करना पड़ सकता है. व्यापारियों ने कहा कि 20 दिन पूर्व तक गेहूं का भाव 2200 से 2300 रुपये प्रति क्विंटल था. इसमें करीब सात सौ रुपये की उछाल आ गयी है. इस कारण सामान्य परिवारों का बजट बिगड़ गया है. आटा खरीदने में लोगों को पसीने छूट रहे हैं.

‘GST तो 5 फीसदी है, लेकिन कीमत बढ़ 20 फीसदी’

बता दें कि खाद्यान्न पर पहले कभी भी टैक्स नहीं था. इस बार सरकार ने इसे भी टैक्स के दायरे में ला दिया है. ब्रांडेड पैकेट पर जीएसटी तो पांच फीसदी बताया गया है, लेकिन कीमत 20 फीसदी बढ़ गया है. वहीं, लोगों का कहना है कि एक तो रसोई गैस का दाम हर महीने बढ़ रहा है. उस पर खाने-पीने के सामानों के दाम अप्रत्याशित तरीके से उपर चढ़ रहा है. इतनी महंगाई में घर कैसे चलाएं? बढ़ती महंगाई ने जीना मुहाल कर रखा है. इसके साथ ही पर्व में भी खर्च रहते हैं. यह समझ नहीं आ रहा. किस चीज को पूरा करें और किसकी कटौती करें.

‘आवश्यक चीजों में कटौती करनी पड़ रही है’

लोगों का कहना है कि गेहूं का आटा का दाम आसमान छू रहा है. मनमाने तरीके से दर का निर्धारण हो रहा है. आम आदमी परेशान है. हर घर का बजट बिगड़ गया है. रसोई गैस, गेहूं, चावल और दाल की कीमत काफी बढ़ गई है. वहीं आमदनी पहले वाली ही है. इतनी महंगाई में कम आमदनी वाला परिवार अपना घर कैसे चलायेगा? यह समझने वाला कोई नहीं है. सरकार को जनता का ख्याल नहीं है. लोगों के घर का बजट बिगड़ चुका है. आवश्यक चीजों में कटौती करनी पड़ रही है.

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