पटना. कंकड़बाग थाने के पूर्वी इंदिरा नगर रोड नंबर दो स्थित घर से 15 वर्षीय छात्र मयंक कुमार बिना बताये हुए चला गया. वह मोबाइल फोन पर फ्री फायर गेम खेलने से पिता द्वारा रोकने से नाराज था. वह 15 जुलाई को घर से निकला और नहीं लौटा. उसके पिता ने कई जगहों पर खोजबीन की, लेकिन नहीं मिला तो उसी दिन कंकड़बाग थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवा दी. हालांकि, घटना के छह दिन बाद भी उसका कुछ अता-पता नहीं चल सका है.
इस संबंध में उसके पिता कामदेव पंडित ने एसएसपी उपेंद्र कुमार शर्मा को भी मामले की जानकारी दी और बेटे को तलाश करने की गुहार लगायी तो उसके बाद पुलिस जांच करने के लिए उसके घर पर पहुंची. कंकड़बाग थानाध्यक्ष रविशंकर सिंह ने बताया कि जांच की जा रही है और छात्र की तलाश जारी है. बच्चे ने लिखा है कि वह अपना जीवन बनाने जा रहा है. कुछ बनकर दिखायेंगे. उसे ढूंढ़ने का प्रयास न करें.
बताया जाता है कि छात्र मयंक हमेशा मोबाइल फोन पर फ्री फायर गेम खेलता था. इसे लेकर उसके पिता ने एक दिन नाराज होकर उससे पढ़ाई करने के बाद खेलने को कहा. यह बात उसे चुभ गयी और 15 जुलाई को उसने पिता से 15 रुपये मांगे. पिता ने जब दे दिये तो उसने पांच रुपये लौटा दिये और 10 रुपये रख लिये. इसके बाद पिता व उसकी मां अपने-अपने काम पर जाने के लिए घर से निकल गये और उसकी बहन भी कॉलेज चली गयी. इसके बाद जब वे लोग शाम को घर पर लौटे तो मयंक घर पर नहीं था.
मयंक घर से जाने से पहले बोर्ड पर ‘आइ एम सॉरी’ लिख कर गया था. इसे पिता ने देखा तो समझ गये कि मयंक घर छोड़ कर चला गया है. इसके बाद उन्होंने तुरंत ही इसकी जानकारी कंकड़बाग पुलिस को दी. पिता कामदेव पंडित ने बताया कि वह हमेशा फ्री फायर गेम खेलते रहता था. इस पर उसे सलाह दी थी कि आधा घंटा गेम खेलो और बाकी समय पढ़ाई में मन लगाओ. संभवत: इसी से वह नाराज हो गया.
उन्होंने बताया कि वह एक युवक से हमेशा बात करते रहता था. वह उसी गेम से जुड़ा हुआ कोई व्यक्ति है, जिसके साथ मयंक के जाने की संभावना है. 15 जुलाई को वे काम पर चले गये थे और पत्नी सिलाई का काम करने चली गयी थी. बेटी भी कॉलेज गयी और इसी दौरान मयंक घर से निकल गया.
Posted by Ashish Jha