नरकटियागंज / पटना. पश्चिम चंपारण के नरकटियागंज के सतवरिया गांव के जिस पूर्व मुखिया के बेटे हर्ष अपहरणकांड में एक माह से पुलिस परेशान थी. हर्ष के दो दोस्तों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था और उसकी बरामदगी के लिए तीन जिलों में छापेमारी कर रही थी, वह कथित अपहृत हर्ष पटना के एक होटल में काम करते हुए मिला.
शिकारपुर पुलिस ने सतवरिया गाव निवासी पूर्व मुखिया अनिल प्रसाद के पुत्र हर्ष कुमार के अपहरण मामले का पटाक्षेप कर दिया है. शिकारपुर थाना क्षेत्र के सतवारिया गांव से गायब हर्ष कुमार की बरामदगी पटना के मीठापुर थाना क्षेत्र के एक होटल से की गयी है. पुलिस ने उसकी बरामदगी कर उसे कोर्ट में बयान को भेज दिया है. प्रशिक्षु थानाध्यक्ष संदीप गोल्डी ने बताया कि 23 फरवरी को वह नाराज होकर घर से भाग गया था.
मामले में उसके पिता पूर्व मुखिया अनिल प्रसाद ने पुत्र के अपहरण की एफआइआर दर्ज करायी है. उन्होंने बताया कि हर्ष की बरामदगी को लेकर हर संभव प्रयास किया जा रहा था. दो दिन पहले उसने अपने भाई को फोन किया. पूछताछ में परिजनों ने बताया कि एक अनजान फोन आया था. बाद में उक्त नंबर का टावर लोकेशन निकालकर हर्ष को बरामद कर लिया गया है. उन्होंने बताया कि पैसा कमाने को लेकर वह घर से भागा था. पटना के एक होटल में काम कर रहा था.
अपहरण मामले में सतवरिया गांव निवासी प्रकाश कुमार व बेतिया से अर्जुन कुमार को पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है. गिरफ्तारी के समय प्रकाश ने पुलिस को बताया था कि 23 तारीख को वह हर्ष को लेकर बेतिया कालीबाग के पास अपने रिश्तेदार अर्जुन के घर गया था. वहां पर एक रात गुजारने के बाद वह उसको नरकटियागंज आने वाली एक बस में बैठा दिया और खुद अपने रिश्तेदार के घर न जाकर कहीं और चला गया.
पुलिस पूछताछ में अर्जुन कुमार ने बताया कि दोनों बेतिया आये तो थे, मगर उनके घर पर नहीं ठहरे थे. अर्जुन के घरवालों ने पुलिस के समक्ष स्वीकार कर लिया है कि हर्ष उनके घर पर एक रात ठहरा हुआ था. अर्जुन के फोन के आधार पर ही सतवरिया की एक महिला को पुलिस ने हिरासत में लिया. हालांकि बाद में पूछताछ के बाद उसे छोड़ दिया गया. चर्चा है कि जब अपहरण हुआ हीं नहीं, तो पुलिस ने क्यों गिरफ्तार किया?
Posted by Ashish Jha