RCP SINGH: बिहार में अगले साल यानी 2025 में बिहार विधानसभा चुनाव होना है. इस बीच सियासी उठा-पटक तेज है. बता दें कि, करीब डेढ़ साल में ही रामचंद्र प्रसाद सिंह (आरसीपी सिंह) का भाजपा से मोहभंग हो गया है. वो गुरुवार यानी दिवाली के दिन ही अपनी नई पार्टी का ऐलान करने जा रहे हैं. ऐसा कहा जा रहा है कि, उन्होंने ये दिन इसलिए चुना है, क्योंकि सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती भी इसी दिन है. सरदार पटेल गुजरात के लेवा पाटीदार जाति से आते हैं, जिसे बिहार में कुर्मी कहा जाता है.
एक ही जाति से आते हैं नीतीश और RCP आरसीपी
आरसीपी के नई पार्टी बनाने की घोषणा से राजनीतिक गलियारों में किसको फायदा होगा किसको नुकसान होगा इसकी चर्चा तेज है. कुछ जानकारों का कहना है कि आरसीपी के इस कदम से नीतीश कुमार को नुकसान हो सकता है. हालांकि, कुछ इसे सिरे से खारिज कर रहे हैं. बता दें कि, नीतीश कुमार और आरसीपी सिंह दोनों कुर्मी जाति से आते हैं. दोनों का गृह क्षेत्र नालंदा है.
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नीतीश के कामकाज के तरीके को जानते हैं RCP SINGH
आरसीपी सिंह बिहार विधानसभा चुनाव से साल भर पहले अपनी नई पार्टी बिहार में उतार रहे हैं. वे जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे हैं, इसलिए पार्टी कैसे चलाई जाती है. इसका अनुभव उनको काफी है. नीतीश कुमार के कामकाज के तरीके को भी उन्होंने काफी नजदीक से देखा है. आरसीपी और नीतीश का साथ जब खत्म हुआ था, तब दोनों नेताओं ने एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगाए थे. सबसे बड़ी बात तो यह कि जेडीयू के ब्लॉक स्तर के नेता ने गंभीर आरोप लगाया और जेडीयू के बिहार प्रदेश अध्यक्ष ने आरसीपी सिंह को शोकॉज नोटिस जारी किया था.
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