लालू यादव ने क्यों रखा था अपनी बेटी का नाम मीसा? निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में सुनाई कहानी
Lalu Yadav: राज्यसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मीसा कानून का जिक्र कर लालू यादव के पुराने जख्मों को कुरेद दिया.
Lalu Yadav: देश की सबसे बड़ी पंचायत संसद में इन दिनों संविधान को लेकर चर्चा चल रही है. विपक्ष लोकसभा चुनाव से ही यह आरोप लगा रहा था कि केंद्र सरकार देश के संविधान को खत्म करना चाहती है. वहीं, सत्तारूढ़ बीजेपी न सिर्फ इन आरोपों को निराधार बता रही है. बल्कि संविधान के मुद्दे पर विपक्ष पर हमलावर भी है. इसी कड़ी में मंगलवार को चर्चा के दौरान देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव पर तीखा हमला बोला है. सदन में बहस के दौरान उन्होंने आरजेडी प्रमुख का नाम लिए बिना राजनीतिक तंज भी कसा. उन्होंने कहा, ”मीसा कानून के काले दिनों को याद करते हुए ही एक नेता ने अपने बच्चे का नाम भी मीसा रखा. यह अलग बात है कि आज वह नेता कांग्रेस के साथ ही गठबंधन में हैं”.
लालू यादव ने अपनी बेटी का नाम रखा मीसा
राज्यसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संविधान संशोधनों के सहारे कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. इस दौरान जब उन्होंने मीसा कानून का जिक्र कर लालू यादव के पुराने जख्मों को कुरेद दिया. दरअसल, 1975 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को लोकसभा के लिए अयोग्य घोषित कर दिया था. इस पर इंदिरा गांधी ने पूरे देश में आपातकाल लागू कर दिया. इस दौरान देश के सभी छोटे-बड़े नेताओं को जेल में डाल दिया गया. लालू यादव भी ‘मीसा’ कानून के तहत जेल में बंद कर दिए गए. इस बीच साल 1976 में उनकी बड़ी बेटी का जन्म हुआ तो उन्होंने ‘मीसा’ कानून के तहत खुद को जेल में बंद किये जाने और कांग्रेस के इमरजेंसी लागू करने के विरोधस्वरूप अपनी बड़ी बेटी का नाम ही मीसा रख दिया था. आज मीसा भारती लोकसभा सांसद हैं.
क्या था मीसा कानून?
मीसा कानून यानी आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था अधिनियम (Maintenance of Internal Security Act (MISA) को साल 1971 में भारतीय संसद ने पारित किया था. यह विवादास्पद कानून देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए बनाया गया था, लेकिन इंदिरा गांधी ने इसका इस्तेमाल विपक्ष को खत्म करने के लिए किया था. इस कानून के तहत, सरकार बिना वारंट के किसी को भी, कभी भी, कहीं से भी पकड़कर जेल में डाल सकती थी. इसके अतिरिक्त, इस कानून में ये अधिकार भी दिए गए थे. व्यक्तियों की अनिश्चितकालीन निवारक हिरासत (Indefinite preventive detention), बिना वारंट के संपत्ति की तलाशी और जब्ती, वायर टैपिंग. आपातकाल के दौरान, इस कानून का इस्तेमाल विरोधी नेताओं, पत्रकारों, और सामाजिक कार्यकर्ताओं को जेल में डालने के लिए किया गया था. जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद, मीसा कानून को खत्म कर दिया गया था.
एक नेता ने अपने बच्चे का नाम…
इमरजेंसी के दौरान मीसा कानून की चर्चा करते हुए निर्मला सीतारमण ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का नाम लिए बिना राजनीतिक तंज भी कसा. उन्होंने कहा, ”मीसा कानून के काले दिनों को याद करते हुए ही एक नेता ने अपने बच्चे का नाम भी मीसा रखा. यह अलग बात है कि आज वह नेता कांग्रेस के साथ ही गठबंधन में हैं”. वित्त मंत्री ने लालू यादव के जख्मों को ऐसे वक्त में कुरेदा है, जब बिहार में राजद गठबंधन में सब ठीक नहीं चल रहा है.