Khagaria News: दहेज के लिए पत्नी-बच्चे को उतारा था मौत के घाट, अब आखिरी सांस तक काटेगा आजीवन कारावास

Khagaria News: दहेज के लिए पति ने पत्नी व बच्चे की चाकू मार कर हत्या करने वाले आरोपी को मृतका की मां ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

By Prashant Tiwari | December 23, 2024 8:14 PM
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Khagaria News: दहेज के लिए पति ने पत्नी व बच्चे की चाकू मारकर हत्या करने वाले आरोपी को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम सुनील कुमार सिंह ने सोमवार को आजीवन कारावास का सजा सुनाया. अब उसे अपने आखिरी सांस तक जेल में सजा काटनी होगी. आरोपित खरीक थाना के छोटी कठेला निवासी धीरज ठाकुर है. उसने दो दिसंबर 2021 को घटना को अंजाम दिया था. 

मृतक की मां ने दिलाई सजा 

बेटी मृतक देवता की मौत के बाद परबत्ता थाना के भरतखंड निवासी शंभू ठाकुर की पत्नी माला देवी ने बेटी को इंसाफ दिलाने का बेड़ा उठाया और आज उन्हें सफलता मिली है. कोर्ट के फैसले के बाद उस दिन की रात को याद कर वह टूट गई. उन्होंने बताया कि कैसे दो लाख रुपये के लिए  आरोपित ने उनके बेटी और नाती को मौत के घाट उतार दिया था. पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने बताया कि उनकी बेटी देवता देवी की शादी धीरज ठाकुर से साल 2020 में हुई थी. जिससे दोनों को एक बेटा हुआ. शादी के एक साल के बाद ही धीरज ठाकुर व्यापार करने के लिए दो लाख रुपये दहेज की मांग करने लगा. दहेज नहीं देने पर  वह और उसके माता-पिता बेटी को प्रताड़ित करते थे. 

दो लाख दो वरना बेटी की लाश लो  

मृतका की मां ने बताया कि दो दिसंबर के दिन धीरज ने फोन कर कहा कि एक सप्ताह के अंदर दो लाख रुपये पहुंचा दो. नहीं तो बेटी की लाश मिलेगी. इस पर मैंने कठेला आने की बात बोली. लेकिन रात में ही धीरज ठाकुर ने अपने परिवार के सहयोग से देवता देवी की चाकू मार कर हत्या कर दी और नाती अमरजीत को जान से मारने की नियत से छुरा मारकर घायल कर दिया. जिससे नाती की भी मौत हो गई. 

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कोर्ट ने इन धाराओं में सुनाई सजा

मृतका की मां की तरफ से FIR दर्ज कराने के बाद अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम नवगछिया में सत्र वाद संख्या 289- 22 के तहत मामले की सुनवाई आरंभ हुई. सुनवाई के दौरान गवाह व साक्ष्य के आधार पर 19 दिसंबर को आरोपित धीरज ठाकुर के विरूद्ध अदालत ने दोष सिद्ध किया. न्यायालय ने धीरज ठाकुर पर धारा 302 के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई और 10 हजार अर्थदंड लगाया. इसके अलावा धारा 304 बी में सात वर्ष की जेल और पांच हजार रुपये का अर्थदंड लगाया. दहेज प्रतिषेध अधिनियम के धारा चार में एक साल की सजा एक हजार अर्थदंड लगाया. 10 हजार रुपये भुगतान नहीं करने पर दो माह की अतिरिक्त सजा, एवं पांच हजार रुपये भुगतान नहीं करने पर एक माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. 

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