14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

जिसकी हत्या के आरोप में जेल की हवा खाता रहा पति, 3 साल बाद वह मिली जिंदा, दूसरी शादी भी कर ली

मैं जीवित हूं, ससुराल वालों की प्रताड़ना से तंग आकर मैं भागकर गोरखपुर आ गई, एक सरकारी बस ड्राइवर से शादी कर ली, अब मैं उसके साथ रहना चाहती हूं. यह कहना है उस महिला का, जिसकी हत्या के आरोप में उसका पति तीन साल से जेल में है.

Bihar News: गोपालगंज में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. जहां एक महिला की हत्या के आरोप में एक पति पिछले तीन साल से जेल में बंद है. लेकिन हैरान करने वाली बात ये है कि महिला जिंदा है और उसने दूसरी शादी भी कर ली है. इसका खुलासा तब हुआ जब गुरुवार को महिला कोर्ट में पेश हुई. महिला ने कहा कि वह अपने ससुराल में उत्पीड़न के कारण घर छोड़कर गोरखपुर भाग गई थी, जिसके बाद उसकी मुलाकात सरकारी बस चालक नरेंद्र कुमार निशाद से हुई और वह काम करने और अपने बच्चों को देखने के लिए उसके घर चली गई. कुछ दिनों तक यूपी के बलिया में नरेंद्र कुमार निषाद के घर रहने के बाद उन्होंने उनसे शादी कर ली और अब उनकी एक बेटी भी है.

महिला ने कर ली दूसरी शादी

महिला लता देवी ने अदालत को बताया कि वह प्रताड़ना के कारण ससुराल से भाग गयी और दूसरी शादी कर ली. उसने कहा कि अब वह नरेंद्र कुमार निषाद के साथ ही रहना चाहती है. महिला की इच्छा के मुताबिक कोर्ट ने उसे उसके भाई चंद्रभूषण प्रसाद को सौंप दिया. महिला अपने भाई के साथ बलिया स्थित अपने पति के घर चली गयी. महिला ने बताया कि उसकी तीन बेटियां हैं. पहले पति से उनकी दो बेटियां हैं, एक बेटी अपनी दादी के साथ रहती है, जबकि दूसरी बेटी अपने मामा के साथ रहती है.

क्या है पूरा मामला

बरौली थाना क्षेत्र के नधना गांव निवासी लता देवी की शादी 2010 में नगर थाने के अरार मोहल्ले के वार्ड नंबर- 28 निवासी सुनील चौहान से हुई थी. शादी के बाद लता और सुनील को दो बेटियां हुईं. महिला ने 2016 में अपने पति और ससुराल वालों के खिलाफ उत्पीड़न का मामला दर्ज कराया था. लॉकडाउन के दौरान पति-पत्नी के बीच समझौता हो गया. महिला अपने ससुराल आकर रहने लगी.

इधर, लता देवी के भाई चंद्रभूषण प्रसाद ने 10 जुलाई 2021 को दहेज के लिए हत्या कर शव को गायब कर देने का आरोप लगाया और इस मामले में 25 जुलाई 2021 को नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी. महिला के पति सुनील चौहान, देवर धर्मराज प्रसाद, देवराज चौहान, राहुल चौहान, सास आशा देवी समेत पांच लोगों को आरोपी बनाया. लता देवी की हत्या के मामले में मां-बेटा निर्दोष थे. इसे साबित करने में 35 महीने लग गए. परिवार सिविल कोर्ट से लेकर हाईकोर्ट तक गया, लेकिन महिला के पति सुनील चौहान को जमानत नहीं मिली.

हाइकोर्ट में तीसरी बार जमानत के लिए अर्जी

पिछले 35 माह से जेल में बंद सुनील चौहान के अधिवक्ता राजेश कुमार पाठक ने बताया कि सुनील एक महिला के अपहरण व हत्या के मामले में जेल में बंद है. हाईकोर्ट दो बार जमानत अर्जी खारिज कर चुका है. तीसरी बार जमानत की अर्जी मंजूर हुई है, जिस पर सुनवाई होनी है. उन्होंने बताया कि हाई कोर्ट के वकील कुमार हर्षवर्द्धन पाठक इस केस को लड़ रहे हैं और उन्हें कोर्ट पर भरोसा है. पुलिस को इस मामले में संज्ञान लेते हुए दोषी महिला और उसके शिकायतकर्ता भाई के खिलाफ आईपीसी 182 और 211 के तहत कार्रवाई करनी चाहिए.

Also Read: अनंत सिंह बोले- ललन सिंह को मेरी जरूरत नहीं, उनके पास बहुत वोट है, हम किसी के साथ नहीं

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें