Lucknow: एक के बाद एक राज्यों में पुरानी पेंशन (Old Pension Scheme) बहाली की होड़ लगी है. राजस्थान (Rajasthan), छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) और झारखंड (Jharkhand) ने पुरानी पेंशन बहाल करके कर्मचारियों का दिल जीत लिया है. अब झारखंड के पड़ोसी राज्य बिहार (Bihar) में इसको लेकर सुगबुगाहट शुरू हो गयी है. बिहार में पुरानी पेंशन की बहाली के लिये 1 सितंबर को पूरे प्रदेश में कार्यालयों में काली पट्टी बांधकर कर प्रदर्शन किया गया था.
पुरानी पेंशन बहाली की मांग यूपी की राजधानी लखनऊ (Lucknow) से उठी थी. लखनऊ के एक शिक्षक विजय बंधु ने कुछ कर्मचारियों के साथ मिलकर 2013 में एक संगठन ऑल टीचर्स इम्प्लाइज एसोसिएशन (ATEWA) शुरू किया था. इस संगठन ने आज पूरे देश में पुरानी पेंशन बहाली की अलग जगा दी है. पूरे देश भर के राज्यों के हर विभाग का कर्मचारी अब अटेवा के साथ है.
अटेवा ने भी इस आंदोलन को देशव्यापी बनाते हुए नेशनल मिशन फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (NMOPS) शुरू किया. इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी विजय बंधु को दी गयी. अब विजय बंधु पुरानी पेंशन बहाली के महानायक बन गये हैं. तीन राज्यों में पेंशन बहाल कराने से अन्य राज्यों पर भी कर्मचारियों का दबाव बढ़ गया है.
NMOPS के राष्ट्रीय प्रवक्ता व प्रदेश मीडिया प्रभारी अटेवा (ATEWA) डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बंधु के नेतृत्व में राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड के बाद कई राज्यों में पुरानी पेंशन बहाली की तैयारी चल रही है. इसमें सबसे प्रमुख बिहार (Bihar) व हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) है.
NMOPS के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बंधु ने लखनऊ में प्रभात खबर के साथ विशेष बातचीत में बताया कि बिहार में पुरानी पेंशन बहाली के लिये लगातार प्रयास किया जा रहा है. क्योंकि बिहार विधानसभा चुनाव में राजद ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में पुरानी पेंशन बहाली को प्रमुख स्थान दिया था. पोस्टल बैलेट में सबसे ज़्यादा वोट राजद को मिले थे. NMOPS बिहार के प्रदेश अध्यक्ष वरुण पांडेय लगातार आंदोलन करके सरकार को अपना वायदा याद दिला रहे हैं.
बिहार के प्रदेश अध्यक्ष वरुण पांडेय ने बताया कि बिहार में पुरानी पेंशन की बहाली के लिये 1 सितंबर 2022 को पूरे प्रदेश में काली पट्टी बांधकर कार्य किया गया था. साथ ही बिहार सरकार को ज्ञापन देकर अविलंब पुरानी पेंशन बहाली की मांग की गई थी. बिहार में 1 सितंबर 2005 को कर्मचारियों की पुरानी पेंशन व्यवस्था तो समाप्त कर दिया गया था. बिहार के कर्मचारी बहुत जल्द पुरानी पेंशन से आच्छादित हो जाएंगे.