पटना. बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र की मंगलवार से शुरुआत हो रही है. सत्र 5 दिनों तक चलेगा. 19 दिसंबर को विधानमंडल सत्र का समापन हो जाएगा. पांच दिवसीय इस सत्र में बिहार में बढ़ते अपराध और शराबबंदी बहस का मुख्य मुद्दा होगा. विपक्ष कानून व्यवस्था से लेकर रोजगार तक के मुद्दे पर सरकार को घेरने की पूरी तैयारी कर रखी है. ऐसे में सदन की कार्यवाही हंगामेदार होने के पूरे आसार हैं. सरकार की ओर से भी कई विधायक लाये जाएंगे. वहीं सदस्यों के प्रश्नों का जवाब भी होगा.
नीतीश सरकार को विपक्ष के साथ-साथ अपनों के हमले भी सहने पड़ सकते हैं. खासकर किसानों की समस्या पर राजद विधायक और पूर्व कृषिमंत्री सुधाकर सिंह सरकार को असहज कर सकते हैं. कहा जा रहा है कि बाजार समिति को फिर से स्थापित करने को लेकर वो निजी विधेयक ला सकते हैं. शराबबंदी पर भी नीतीश कुमार को सहयोगी दल कांग्रेस के सवालों से रू ब रू होना पड़ सकता है. वैसे भाजपा बेरोजगारी, महंगाई, किसान, झुग्गी-झोपड़ी सहित विभिन्न मुद्दों पर सरकार से जवाब मांगेगी.
मुख्य विपक्षी दल भाजपा की शीतकालीन सत्र को लेकर तैयारी पूरी हो गई है. बीजेपी ने नीतीश सरकार से शिक्षक नियोजन में देरी, बिहार में महंगाई, बेरोजगारी, यूरिया की किल्लत के साथ-साथ कानून व्यवस्था तक पर सवाल करने की बात कही है. भाजपा सदन के बाहर और सदन के अंदर दोनों जगहों पर मजबूती से सरकार को घेरने का काम करेगी. भाजपा के नेता और सचेतक जनक सिंह ने कहा कि सदन में सरकार को हर मोर्चे पर घेरने की रणनीति बनायी गयी है.
इधर, विपक्ष और सहयोगी दल के कड़े रुख को लेकर सत्ताधारी दल भी परेशान दिख रहा है. विपक्ष के हर सवाल का जवाब देने के लिए सरकार ने ठोस रणनीति बनायी है. अधिकारियों को भी निर्देशित किया गया है कि सही जवाब सदन के अंदर आये. वैसे राजद विधायक मुकेश कुमार यादव ने कहा है कि अब विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है. बेरोजगारी, महंगाई सहित मुद्दों पर सरकार पहले से ही काम कर रही है. बावजूद इसके भाजपा अगर किसी भी तरह का सवाल उठाती है तो उसका जवाब देने को हम लोग तैयार हैं.