Bihar News: 29 से तीन दिसंबर तक चलेगा शीतकालीन सत्र, सदन में पेश होगा पांच हजार करोड़ का दूसरा अनुपूरक बजट
Bihar News इस फंड के तहत मुख्य रूप से कोरोना काल और बाढ़ राहत कार्य के तहत लोगों को तुरंत मदद मुहैया कराने के लिए खर्च किये गये हैं. इस बार किसी नयी योजना या विभागों के अंतर्गत चलने वाली विकासात्मक योजनाओं के लिए अतिरिक्त राशि मुहैया कराने की फिलहाल कोई योजना नहीं है.
पटना. बिहार विधानमंडल का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से शुरू होगा और यह तीन दिसंबर तक चलेगा. इस दौरान कुछ अहम विधेयकों के अलावा दूसरा अनुपूरक बजट भी पेश किया जायेगा. इस बार राज्य सरकार के पास पैसे की समुचित उपलब्धता नहीं होने के कारण इस बार का अनुपूरक बजट करीब पांच हजार करोड़ रुपये का ही होगा. इस राशि में मुख्य रूप से बिहार आकस्मिक निधि (बीसीएफ) के तहत खर्च किये गये रुपयों की प्रतिपूर्ति की जायेगी. इस फंड के तहत मुख्य रूप से कोरोना काल और बाढ़ राहत कार्य के तहत लोगों को तुरंत मदद मुहैया कराने के लिए खर्च किये गये हैं. इस बार किसी नयी योजना या विभागों के अंतर्गत चलने वाली विकासात्मक योजनाओं के लिए अतिरिक्त राशि मुहैया कराने की फिलहाल कोई योजना नहीं है.
अनुपूरक बजट को अंतिम रूप देने में जुटा वित्त विभाग
वित्त विभाग इस सत्र में पेश होने वाले अनुपूरक बजट को अंतिम रूप देने में जुटा हुआ है. इसका प्रारूप तैयार होने के बाद इसे कैबिनेट में पेश किया जायेगा. सरकार के स्तर से मुहर लगने के बाद ही इसे सदन में पेश किया जायेगा. राज्य में चालू वित्तीय वर्ष के दौरान टैक्स संग्रह की स्थिति पिछले वित्तीय वर्ष 2020-21 से बेहतर हुई है, परंतु वित्तीय वर्ष 2019-20 की तुलना में इसमें बढ़ोतरी नहीं हुई है.
इस बार का टैक्स संग्रह 2019-20 के बराबर ही होने की संभावना है, जिसके 34 हजार करोड़ रुपये के आसपास रहने की संभावना है. इस वजह से राज्य का टैक्स संग्रह इस बार बहुत नहीं बढ़ेगा, इस बात की पूरी संभावना है कि पिछले वर्ष की तुलना में स्थिति सामान्य हो जायेगी और पिछली बार के मुकाबले शॉर्ट फॉल समाप्त हो जायेगा, परंतु 2019-20 के टैक्स संग्रह के टारगेट से से आगे निकलना बेहद मुश्किल होगा.
सदस्य ऑनलाइन पूछें सवाल
विधानसभा के माॅनसून सत्र से संबंधित कार्यक्रम सभा सचिवालय जारी कर दिया गया है. शुक्रवार को सत्र के मद्देनजर विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने सभा सचिवालय के पदाधिकारियों के साथ बैठक की. उन्होंने कहा कि सदस्यों द्वारा पूछे जाने वाले प्रश्न, सदन में किये जाने वाले शून्यकाल सूचना, ध्यानाकर्षण, निवेदन और याचिका का सीधा संबंध जनता और उसके जीवन से होता है. इनका जवाब समय पर नहीं प्राप्त होने से विकास की गति प्रभावित होती है. ऐसे में 29 नवंबर से प्रारंभ हो रहे सत्र के लिए सदस्यों के द्वारा पूछे जा रहे प्रश्नों को संबंधित विभागों को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया.