मधेपुरा में पुलिस की पिटाई से गवाह का बिगड़ा मानसिक संतुलन, हायर सेंटर रेफर, थानाध्यक्ष सस्पेंड

दोनों पीड़ित का इलाज जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में किया गया. जिनमें से एक हत्याकांड के मुख्य गवाह को मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों ने बेहतर इलाज के लिए हायर सेंटर रेफर कर दिया है. वहीं दूसरे का इलाज मेडिकल कॉलेज में ही जारी है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 16, 2022 9:01 PM

मधेपुरा : जिले के बिहारीगंज थाना क्षेत्र अंतर्गत जोतैली गांव में हुई मनोहर मेहता हत्याकांड मामले में एक मुख्य गवाह व एक मृतक के मौसेरे भाई को बेरहमी से पीटने का आरोप बिहारीगंज पुलिस पर लगा है. दोनों पीड़ित का इलाज जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में किया गया. जिनमें से एक हत्याकांड के मुख्य गवाह को मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों ने बेहतर इलाज के लिए हायर सेंटर रेफर कर दिया है. वहीं दूसरे का इलाज मेडिकल कॉलेज में ही जारी है.

कार्रवाई नहीं होने की स्थिति में संगठनों ने दी आंदोलन की चेतावनी

पीड़ित के परिजनों का आरोप है कि हत्याकांड के मुख्य गवाह के साथ ही पुलिस ने इतनी बेरहमी से पिटाई किया कि पीड़ित अपना मानसिक संतुलन खो बैठा है. इलाज के दौरान पीड़ित व उनके परिजनों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने पूछताछ के लिए थाना बुलाया और घटना के मुख्य गवाह व परिजन को पुलिस प्रशासन जबरन मारपीट कर व कई तरह से प्रताड़ना देकर उनसे ही हत्या कुबूल करवाना चाह रही थी.

पुलिस पर लगे हैं कई आरोप

जिले के उदाकिशुनगंज अनुमंडल अंतर्गत बिहारीगंज थाना क्षेत्र के जोतैली गांव में मनोहर मेहता की हत्या कर दी गयी थी. इस मामले में गावं की महिला मुखिया समेत पांच लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया था, लेकिन पुलिस अब तक इस मामले में कुछ खुलासा नहीं कर पायी है. आरोप है कि मनोहर मेहता हत्याकांड मामले में बिहारीगंज की पुलिस ने मृतक मनोहर मेहता के मौसेरे भाई संतोष मेहता को 13 अप्रैल की रात में पूछताछ के लिए घर से उठाकर थाना ले गये. जिसके बाद शुक्रवार तक बेरहमी से पुलिस ने उसकी पिटाई की.

पूछताछ के नाम पर नहीं छोड़ा गया

इसी बीच बिहारीगंज की पुलिस ने गुरुवार को हत्याकांड के मुख्य गवाह श्यामल मेहता समेत बाबूलाल मेहता को पूछताछ के नाम पर थाने ले आयी. श्यामल मेहता के साथ भी पुलिस ने बड़ी बर्बरता पूर्वक मारपीट की , जबकि बाबूलाल मेहता के साथ भी मारपीट की. परिजनों ने बताया कि संतोष मेहता व बाबूलाल मेहता को तो पुलिस ने शुक्रवार को ही छोड़ दिया था, लेकिन श्यामल मेहता को पूछताछ के नाम पर नहीं छोड़ा गया.

पुलिस कह रही थी हो रही है पूछताछ

मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान पीड़ित संतोष मेहता की मां ने आरोप लगाया कि पुलिस उनके पुत्र को पूछताछ के लिए ले गयी. उसके बाद वह जब भी थाने जाकर पुत्र से मिलने की बात कहती तो पुलिस के द्वारा उन्हें भगा दिया जाता था. शुक्रवार को स्थानीय लोगों के द्वारा विरोध करने के बाद पुलिस ने संतोष मेहता व बाबूलाल मेहता को छोड़ दिया. जैसे ही संतोष मेहता घर पहुंचे तो वह मूर्छित होकर गिर पड़े. जिसके बाद संतोष की मां व ग्रामीणों ने जब उनके शरीर का हाल देखा तो वह बुरी तरह से चोटिल हो गये थे.

आक्रोशित लोग थाना पहुंचे

घटना से आक्रोशित लोग थाना पहुंचे, जहां एक भी पुलिस अधिकारी व पुलिस बल मौजूद नहीं थे और न ही श्यामल मेहता थाने में थे. मौजूद प्रतिनिधियों ने जब श्यामल मेहता की जानकारी लेनी चाही तो पुलिस अधिकारियों ने बताया कि श्यामल मेहता से पूछताछ की जा रही है, शनिवार को उसे छोड़ दिया जायेगा.

कार्रवाई की मांग

परिजनों व ग्रामीणों ने बताया कि संतोष की हालत बेहद खराब होने के कारण परिजनों ने उसे बिहारीगंज पीएचसी ले जाया गया, जहां से शनिवार को चिकित्सकों ने उन्हें मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया. संतोष को लेकर उनके परिजन व ग्रामीण जन मेडिकल कॉलेज इलाज के लिए पहुंचे तो उन्होंने देखा कि श्यामल मेहता पूर्व से ही मेडिकल कॉलेज में इलाजरत हैं. उन्होंने देखा कि बिहारीगंज के कुछ पुलिस के द्वारा चोरी-छिपे श्यामल मेहता का हाथ पैर बांधकर उनका इलाज किया जा रहा है.

सिंहेश्वर थाना की पुलिस तैनात

लोगों ने बताया कि श्यामल मेहता के साथ इतनी बुरी तरह मारपीट की है कि वह अपना मानसिक संतुलन खो बैठा है. जिसकी सूचना जैसे ही ग्रामीणों को मिली तो मेडिकल कॉलेज में लोगों की भीड़ बढ़ने लगी, जिसे देख बिहारीगंज की पुलिस वहां से चली गयी. हालांकि मामले की गंभीरता को देखते हुये सिंहेश्वर थाना की पुलिस तैनात रही. जदयू जिलाध्यक्ष मंजू कुमारी उर्फ गुड्डी देवी व भाजपा जिलाध्यक्ष स्वदेश कुमार घायलों से मिलने मेडिकल काॅलेज पहुंचे व दोषी पुलिस अधिकारी पर कार्रवाई की मांग की.

इंस्पेक्टर शशि भूषण को जिम्मेदारी

मधेपुरा के पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार ने कहा कि बिहारीगंज थानाध्यक्ष रणवीर कुमार के विरुद्ध शिकायत के आधार पर उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है. तत्काल सदर थाना से अवर निरीक्षक अमित कुमार को बिहारीगंज थानाध्यक्ष के तौर पर पदस्थापित किया गया है. पूरे प्रकरण की विशेष जांच के लिए इंस्पेक्टर शशि भूषण को जिम्मेदारी दी है. जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे भी कार्रवाई की जायेगी.

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