‘हम सरकार के नौकर हैं…पर्सनल काम नहीं करेंगे’, पटना में मजिस्ट्रेट ने मांगा पानी तो भड़क गईं महिला कांस्टेबल
पटना के दीघा घाट पर आयोजित रिवर रैंचिंग कार्यक्रम के दौरान मजिस्ट्रेट बीपी गुप्ता ने महिला कांस्टेबल से बोतल में पानी मांग लिया. इस पर वहां ड्यूटी पर मौजूद महिला कांस्टेबल गुस्से में आ गयीं और साफ-साफ कह दिया कि वे लोग सरकार के कर्मी हैं, किसी का पर्सनल काम नहीं करेंगी
पटना के दीघा घाट पर गुरुवार को बिहार पशुपालन विभाग द्वारा रिवर रैंचिंग का कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में पशुपालन मंत्री अफाक आलम द्वारा मछली के चार लाख बच्चों को नदी में छोड़ा गया. इसी दौरान कार्यक्रम में नाश्ते के बाद मजिस्ट्रेट बीपी गुप्ता ने महिला कांस्टेबल से बोतल में पानी मांग लिया. इस बात पर महिला कांस्टेबल भड़क गई, देखते-देखते बात बढ़ गई और पुलिसकर्मियों से मजिस्ट्रेट की कहासुनी होने लगी. वहीं मजिस्ट्रेट ने इस बात की शिकायत डीएसपी से करने की बात कही है.
पानी मांगने पर भड़की महिला सिपाही
दरअसल, मजिस्ट्रेट ने महिला सिपाही से पानी मांगा, इस पर वहां ड्यूटी में मौजूद महिला कांस्टेबल गुस्से में आ गयी और साफ-साफ कह दिया कि वे लोग सरकार के कर्मी हैं, किसी का पर्सनल काम नहीं करेंगी. साथ ही महिला कांस्टेबल ने कहा कि सुबह से वे लोग ड्यूटी पर हैं और उन्हें नाश्ता-पानी तक के लिए नहीं पूछा गया. जबकि सभी लोग नाश्ता कर रहे हैं. इसके बाद वहां मौजूद अन्य पुलिसकर्मी भी गोलबंद हो गए और पानी मांगने का विरोध करने लगे.
डीएसपी से शिकायत करेंगे मजिस्ट्रेट
इस विवाद के बाद मजिस्ट्रेट ने कहा कि इन महिला कांस्टेबल की ड्यूटी उनके साथ चार-पांच दिनों से है. इन लोगों के पास पीने के लिए पानी नहीं था और वे खुद चार-पांच बोतल पानी लाकर पिलाते थे. लेकिन आज बोतल में पानी मांग दिया तो उन लोगों ने इंकार कर दिया और मुझसे बदतमीजी की गई. इस बात की शिकायत वे डीएसपी से करेंगे. इधर, अन्य अधिकारियों ने बीच-बचाव कर मामले को शांत कराया गया.
वीडियो भी आया सामने
इस विवाद का एक वीडियो भी सामने है जिसमें बीपी गुप्ता को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि दुश्मन को भी कोई पानी पिला देता है. अगर बुरा लगा तो हम ही पानी पिला देते हैं. उन्होंने कहा कि छठ पूजा में कई बार आप लोगों को अपने बोतल से पानी पिलाया है. फिर भी आप लोग ऐसा कह रहे हैं. वहीं महिला सिपाही भी आपस में यह कहती नजर आईं कि हम लोग यहां सुबह छह बजे से हैं. लेकिन हमें कौन पूछने वाला है.
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गंगा नदी के पुनर्स्थापन कार्यक्रम के तहत रिवर रेंचिंग प्रोग्राम की शुरुआत
मालूम हो कि राज्य सरकार ने गंगा नदी के पुनर्स्थापन कार्यक्रम के तहत रिवर रेंचिंग प्रोग्राम शुरू किया है, जिसकी शुरुआत गुरुवार को दीघा घाट से की गयी. इस दौरान रोहू, कतला और मिरगल मछली का जीरा गंगा नदी में छोड़ा गया. दरअसल, गंगा नदी में बहने वाली खास मछलियों को कृत्रिम प्रजनन के जरिए बीज पैदा कर दोबारा उसी नदी में स्थापित किया जाएगा. इसमें गंगा में मछलियों की घटती संख्या को बहाल किया जाएगा. कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य नदियों में मेजर कार्प मछलियों की संख्या में वृद्धि करना है, जिससे मछली की जैव विविधता कायम रहेगी. इससे मछुआरों को रोजगार मिलने की भी उम्मीद है.
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प्रदूषण की वजह से घट रही मछलियों की संख्या
बता दें कि नदियों में प्रदूषण और जल की गुणवत्ता ठीक नहीं रहने की वजह से मछली की संख्या लगातार घट रही है. इससे मत्स्य उत्पादन भी प्रभावित हो रहा है. जबकि सदियों से नदियां ही मानव सभ्यता का पालना रहा है. मनुष्य सभ्यता के विकास में जल संपदा का अहम योगदान रहा है. फिर भी बढ़ते शहरीकरण और मानव-जनित क्रियाकलापों के कारण नदियों में जीवों की संख्या लगातार घटती जा रही है. इसे देखते हुए मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत रिवर रैंचिंग कार्यक्रम की शुरूआत की गई है.
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