बिहार के 502 स्टार्टटप में 79 को लीड कर रहीं महिलाएं, मेहनत के कायल हैं स्टार्टअप की दुनिया के धुरंधर
यह इस बात की गवाही है कि बिहारी मूल के लोगो के लिए स्टार्ट अप कतई नयी चीज नहीं हैं. उनके दिमाग की धार और मेहनत के पसीने की खुशबू देश के प्रतिष्ठित स्टार्टअप जोन में महसूस की जा रही है. दक्षिण भारत के स्टार्टअप्स में बिहारियों की उपस्थिति 25 फीसदी से अधिक है.
राजदेव पांडेय,पटना. देश के सबसे बड़ी इन्क्यूबेशन सेंटर टी-हब स्टार्टअप के शुरुआती 10 लोगों में से पांच बिहार के हैं. कुछ ऐसी ही कहानी अरबों का कारोबार करने वाले स्टार्ट अप गेयर हेड मोटर्स और नीवी इत्यादि की है. यह इस बात की गवाही है कि बिहारी मूल के लोगो के लिए स्टार्ट अप कतई नयी चीज नहीं हैं. उनके दिमाग की धार और मेहनत के पसीने की खुशबू देश के प्रतिष्ठित स्टार्टअप जोन में महसूस की जा रही है. दक्षिण भारत के स्टार्टअप्स में बिहारियों की उपस्थिति 25 फीसदी से अधिक है. यह सारी बातें पटना में आयोजित ऑल इंडिया स्टार्टअप चैलेंज में एक्सपर्ट के रूप में शामिल हुए चुनिंदा स्टार्टअप्स फाउंडर और शीर्ष पदाधिकारियों से संवाद के दौरान सामने आयीं.
मेरे स्टार्टटप में पहले दस संस्थापक सहयोगियों में पांच बिहार मूल के : एंथोनी अनीस
साउथ इंडिया से ग्लोबल तक स्टार्टअप उद्यमिता में माइल स्टोन स्टार्टअप टी-हब है. ग्लोबल पहचान रखने वाली इस कंपनी के सीइओ विंग कमांडर एंथोनी अनीस ने बताया कि मेरे स्टार्टटप में पहले दस संस्थापक सहयोगियों में पांच बिहार मूल के हैं. वे आज भी मेरी कंपनी से जुड़े हैं. अनीस के मुताबिक बिहारियों की सबसे बड़ी ताकत बिना थके काम करने की क्षमता और धंधा बनाने की काबिलियत है. मेरे बिहारी सहयोगी मैनेजमेंट में थे. वह कहते हैँ कि बिहार में स्टार्टअप का माहौन बने. इसके लिए इन्हें तेलंगाना माॅडल अपनाना चाहिए.
मेरी कंपनी में 30 फीसदी कर्मचारी अकेले बिहार के : निखिल गुंडा
हैदराबाद के गेयर हेड मोटर्स कंपनी के सीएमडी निखिल गुंडा बताते हैं कि मेरी कंपनी में 30 फीसदी कर्मचारी अकेले बिहार और उत्तरप्रदेश के हैं. यह लोग मेरी कंपनी की बैक बोन हैं. निखिल के मुताबिक इलेक्ट्रिक सायकल की यूनिट स्थापित करना चाहता हूं .यह स्टार्टअप इलेक्ट्रिक सायकल बनाने में बड़ा नाम है. बिहार में माहौल बने तो यहां स्टार्टअप की नयी पीढ़ी तैयार हो सकती है. कमोबेश बिहारियों की क्षमताओं की प्रशंसक मीवी रोडियो नाम के स्टार्टटप की फाउंडर मृदुला भी हैं.
बिहार के 502 स्टार्टटप में 79 को लीड कर रहीं महिलाएं
स्टार्ट अप पॉलिसी आने के बाद बिहार में अभी तक 502 स्टार्टअ अप आ चुके हैं. इन सब को करीब 25 करोड़ की सीड फंडिंग हो चुतकी है. इनमें से 79 स्टार्टअप महिलाएं लीड कर रही हैं. स्टार्टअप में दिख रही संभावनाओं के मद्देनजर 37 जिलों में स्टार्ट अप सेल स्थापित किये जा चुके हैं. बिहार में विभिन्न चौदह सेक्टर में स्टार्ट अप दर्ज कराये गये हैं. आइटी / टीइएस, एग्रीटेक एंड एलाइड और ई कॉमर्स सेक्टर में सबसे अधिक स्टार्ट अप हैं.
सेक्टर वाइज स्टार्ट अप- पंजीयन संख्या
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इलेक्ट्रिक व्हीकल / ट्रांसपोर्टेशन / लॉजिस्टिक – 8 %
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ट्रैवल एंड टूरिज्म – 3 %
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आइटी / टीइएस- 12 %
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आइओटी /ड्रोन्स / रोबोटिकस – 6 %
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हेल्थ केयर- 10% फूड प्रोसेसिंग – 5 %
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फिटनेस – 2 %
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एग्रीटेक एंड एलाइड सेक्टर -11 %
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एआइ/ एमएल/डीप टेक -3%
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कंस्ट्रक्शन /आर्किटेक्चर / प्रोपटेक – 5 %
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इ कॉमर्स – 11 %
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एजु-टेक – 9
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ग्रीन एनर्जी / इन्वायरमेंट – 6
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फैशन/ एप्पेरेल्स /हैंडीक्राफ्ट – 9