Loading election data...

खून की कमी झेल रहीं बिहार की महिलाएं, इस जिले की 73 प्रतिशत महिलाओं में खून की कमी

सर्वेक्षण रिपोर्ट पर गौर करें, तो यह चौंकानेवाली है. इसमें खुलासा हुआ है कि जिले की 15 से 49 वर्ष तक की 73 फीसदी महिलाएं खून की कमी झेल रही हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | January 15, 2021 12:31 PM

संजीव, भागलपुर. मां बीमार, तो सभी बीमार. यह जानते हुए भी जिले की महिलाएं अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देने के बजाय आज भी न तो समय पर भोजन कर रही हैं और न ही पौष्टिक भोजन पर ध्यान देती हैं.

सर्वेक्षण रिपोर्ट पर गौर करें, तो यह चौंकानेवाली है. इसमें खुलासा हुआ है कि जिले की 15 से 49 वर्ष तक की 73 फीसदी महिलाएं खून की कमी झेल रही हैं.

खून की कमी झेल रहीं बिहार की महिलाएं, इस जिले की 73 प्रतिशत महिलाओं में खून की कमी 2

यही नहीं छह महीने से लेकर पांच साल की उम्र तक के 78.7 फीसदी बच्चों में भी खून की कमी पायी गयी है.

खास बात यह कि पिछले पांच वर्षों में ऐसी महिलाओं की संख्या में तकरीबन 10 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. यानी हर वर्ष दो फीसदी एनिमिक महिला मरीज बढ़ रही हैं.

ऐसे हुआ मामले का खुलासा

भारत सरकार के केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस-पांच) कराया था. इसकी वर्ष 2015-16 और 2019-20 की रिपोर्ट मंत्रालय ने जारी की है. इसमें बच्चों व माताओं की एनिमिक रिपोर्ट शामिल की गयी है.

Also Read: बिहार की गर्भवती महिलाओं पर मंडरा रहा एनिमिया का खतरा, भागलपुर के अस्पतालों में नहीं मिल रही आयरन और फोलिक एसिड की गोलियां कहती हैं वरिष्ठ चिकित्सक

वरिष्ठ चिकित्सक डॉ वर्षा सिन्हा ने बताया कि अक्सर ऐसा देखा जाता है कि महिलाएं अपने घर में सभी के खाने के बाद भोजन करती हैं.

खून की कमी होने का यह महत्वपूर्ण कारणों में से एक है. ज्यादातर घरों में जागरूकता की कमी के कारण लड़कियां ध्यान नहीं देती. मेंस्ट्रुएशन की परेशानी दूर करने के लिए इलाज जरूरी है और खून की कमी दूर करने के लिए आयरन टेबलेट लेना चाहिए.

चार-पांच साल का अंतर दो बच्चों के बीच रखना चाहिए. आज हम हर दिन 70 से 80 फीसदी वैसी मरीजों का इलाज करते हैं, जिनमें खून की कमी है.

Posted by Ashish Jha

Next Article

Exit mobile version