Bihar News: खगड़िया के सरकारी अस्पतालों में महिलाओं को बिना बेहोश किये बंध्याकरण के मामले ने तूल पकड़ लिया है. इस मामले में राष्ट्रीय महिला आयोग ने ऑपरेशन करने वाले डॉक्टरों के लाइसेंस रद्द करने को कहा है, वहीं स्वास्थ्य विभाग ने इसकी जांच रिपोर्ट डीएम से मांगी है. पिछले दिनों खगड़िया जिले के दो सरकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंदों पर करीब 24 महिलाओं को बिना बेहोश किये बंध्याकरण कर दिया गया था.
मामला उच्चाधिकारियों के संज्ञान में आने के बाद सिविल सर्जन डॉ. अमरनाथ झा ने स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ इस मामले की शिकायत करने वाली अलौली की कुमारी प्रतिमा के घर पर जाकर पूछताछ की.सीएस के सामने भी महिला ने आरोप दुहराया. इधर, अलौली प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. मनीष कुमार की जांच रिपोर्ट में बंध्याकरण करने वाली एनजीओ ग्लोबल डेवलपमेंट इनिशिएटिव (दरभंगा) की लापरवाही सामने आयी है. स्वास्थ्य विभाग ने एनजीओ पर रोक लगा दी है.
ऑपरेशन कराने वाली अलौली की कुमारी प्रतिमा ने बताया कि जैसे-तैसे बंध्याकरण किया गया. मुझे भी बिना बेहोश किये ही डॉक्टर ने ऑपरेशन शुरू कर दिया. जब पेट में चीरा लगाया गया, तो मैं दर्द से छटपटाने लगी. इसके बाद चार-पांच लोगों ने मेरे हाथ-पैर पकड़कर जकड़ लिये और जबरदस्ती ऑपरेशन कर दिया. ओटी में ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर को नर्स मुंह में मिठाई खिला रही थीं, हंसी ठिठोली कर रही थीं.
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इसकी जांच डीएम को दी गयी है. राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने बताया कि मुख्यालय डीएम की रिपोर्ट के इंतजार में है. इसके बाद ही कोई जानकारी मिल सकेगी. इधर, राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर एनजीओ, डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है.
राष्ट्रीय महिला आयोग ने मेडिकल लापरवाही और तय प्रक्रिया का पालन नहीं करने को लेकर डॉक्टरों का लाइसेंस रद्द करने को कहा है. इस मामले में बिहार के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर इसमें शामिल एनजीओ, डॉक्टरों और अन्य लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए कहा है.
– रेखा शर्मा, अध्यक्ष राष्ट्रीय महिला आयोग
Posted By: Thakur Shaktilochan