नवरात्र से पहले शुरू होगा बिहार संग्रहालय और पटना संग्रहालय के बीच ‘विरासत सुरंग’ का काम, जानें क्या होगी खूबी
सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि राज्य सरकार बिहार संग्रहालय और पटना संग्रहालय को जोड़ने के लिए 1.5 किमी से अधिक लंबी भूमिगत सुरंग पर काम कर रही है. इसके निर्माण हो जाने पर आगंतुक एक ही टिकट पर इस सुरंग के माध्यम से दोनों संग्रहालयों को देख सकेंगे.
पटना. बिहार संग्रहालय और पटना संग्रहालय को जोड़ने वाली विरासत सुरंग पटना के बेली रोड पर स्थित बिहार संग्रहालय से छज्जू बाग स्थित पटना संग्रहालय को जोड़ेगी. यह योजना 2026 तक पूरी हो जायेगी. सोमवार को बिहार संग्रहालय स्थापना दिवस कार्यक्रम का उद्घाटन करते समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि राज्य सरकार बिहार संग्रहालय और पटना संग्रहालय को जोड़ने के लिए 1.5 किमी से अधिक लंबी भूमिगत सुरंग पर काम कर रही है. इसके निर्माण हो जाने पर आगंतुक एक ही टिकट पर इस सुरंग के माध्यम से दोनों संग्रहालयों को देख सकेंगे.
सुरंग पूरी तरह वातानुकूलित होगी
अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सुरंग के दोनों किनारों पर दो लिफ्ट लगाये जायेंगे. सुरंग पूरी तरह वातानुकूलित होगी. सीढ़ियां और पैदल यात्री मार्ग उन लोगों के लिए होंगे जो दूरी तय करने के इच्छुक हैं. यह आगंतुकों के लिए पर्यावरण अनुकूल पारगमन सेवासुगम, सुविधाजनक और बैटरी चालित गोल्फ कार से सुसज्जित होगी. सुरंग अग्नि सुरक्षा और आगंतुकों की सुरक्षित निकासी के लिए सभी सुरक्षा उपायों से सुसज्जित होगा.
वर्क ऑर्डर मिलने के 30 महीने के अंदर काम पूरा करने का लक्ष्य
बिहार संग्रहालय एवं पटना संग्रहालय को आपस में भूमिगत मार्ग से जोड़ने वाले ” विरासत सुरंग ” का काम दशहरा से पहले शुरू हो सकता है. कैबिनेट से सुरंग के पुनरीक्षित प्राक्कलन की मंजूरी मिलने के बाद दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) ने नये सिरे से निर्माण एजेंसी की तलाश को लेकर टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है. नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा प्रस्तावित यह 1.5 किमी लंबी सुरंग बिहार संग्रहालय (बेली रोड स्थित) और पटना संग्रहालय (छज्जू बाग स्थित) को जोड़ने का काम करेगी. वर्क ऑर्डर मिलने के 30 महीने के अंदर काम पूरा करने का लक्ष्य है.
मात्र एक संवेदक के हिस्सा लेने से रद्द हो गया था टेंडर
डीएमआरसी के मुताबिक विरासत सुरंग के निर्माण को लेकर डीएमआरसी ने 2023 की शुरुआत में ही टेंडर प्रक्रिया की थी. लेकिन, 373 करोड़ रुपये की इस परियोजना के लिए मात्र एक संवेदक ने बीडिंग की. इसको देखते हुए कंपनी ने टेंडर को रद्द करते हुए 542 करोड़ का पुनरीक्षित प्राक्कलन तैयार करते हुए नये सिरे से टेंडर प्रक्रिया शुरू की है.
आर्ट गैलरी की तरह होगा सुरंग, तीन लेवल का बेसमेंट
डीएमआरसी अधिकारी के मुताबिक दो संग्रहालयों को जोड़ने वाली अपनी तरह की यह भारत की पहली सुरंग होगी. प्रवेश-निकास भवन में एक भूतल और प्रथम तल के साथ इसमें तीन-लेवल का बेसमेंट होगा. प्रवेश-निकास भवन में सुरक्षा जांच, सामान लिफ्ट सहित अन्य सुविधाएं रहेगी. यह सुरंग एक आर्ट गैलरी की तरह होगी, जिसमें मधुबनी पेंटिंग्स के द्वारा राज्य की कला, संस्कृति, विरासत, भित्तिचित्र एवं अन्य कलाकृतियों को सुरंग की दीवारों पर प्रदर्शित किया जायेगा.
पैदल पथ के साथ गोल्फ कार की भी सुविधा
अधिकारी ने बताया कि पूर्ण रूप से वातानुकूलित प्रस्तावित सुरंग के दोनों सिरों पर दो लिफ्ट होंगी. जो लोग पैदल चलकर दूरी तय करना चाहेंगे, उनके लिए सीढ़ियां एवं पैदल पथ होगा. वहीं, बैटरी चालित गोल्फ कार की सुविधा भी होगी. आठ मीटर व्यास (डायमीटर) की सुरंग के निर्माण के लिए 16.5 मीटर की गहराई पर टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) का प्रयोग किया जायेगा. यह भूमिगत सुरंग जमीन से 15 से 20 मीटर नीचे होगी. क्रासिंग पॉइंट पर पटना मेट्रो की सुरंग 29 मीटर नीचे से गुजरेगी. बेली रोड के नीचे क्रासिंग पॉइंट पर इस भूमिगत सुरंग और पटना मेट्रो की सुरंग में लगभग 6.5 मीटर की दूरी होगी.
टनल के रिवाइज प्राक्लन को कैबिनेट की मंजूरी
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फिनाले म्युजियम का उद्घाटन किया था. उसी में की गयी घोषणा के अधार पर बिहार संग्रहालय को पटना संग्रहालय से जोड़नेवाले टनल का रिवाइज प्राक्लन तैयार किया गया है. अब टनल के निर्माण का पुनरीक्षित प्राक्कलन राशि बढ़कर 542 करोड़ हो गयी है. दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपेरेशन द्वारा टनल का रेट रिवाइज किया गया है. इस टनल की दूरी डेढ़ किलोमीटर होगी और डाइमीटर 6.1 मीटर चौड़ा होगा. उन्होंने बताया कि इसका मूल प्राक्कलन राशि 300.54 करोड़ थी.