पीजी रेलखंड के जहानाबाद स्टेशन को मॉडल स्टेशन के रूप में देखने का सपना आखिर कब होगा साकार. स्टेशन पर होने वाला यात्री सुविधा विस्तार का कार्य ठप पड़ा है जिसके कारण यात्री लाचार बने हुए हैं. यात्री सुविधा की घोर कमी से यात्रियों को जूझना पड़ रहा है. अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत जहानाबाद स्टेशन को विकसित किया जाना था. इसके लिए 23 करोड़ रुपये की लागत से यात्री सुविधाओं का विस्तार किया जाना था लेकिन निर्माण कार्य ठप रहने से यात्रियों को सुविधाओं के अभाव में परेशानी से जूझना पड़ रहा है.
नए भवन के लिए गड्ढा तो खोदा लेकिन निर्माण कार्य आरंभ नहीं हुआ
यात्री सुविधा विस्तार के तहत नये स्टेशन भवन का निर्माण किया जाना है. इसके लिए पुराने भवन को कई माह पूर्व ही तोड़ दिया गया है तथा नये भवन निर्माण के लिए गड्ढा तो खोदा गया लेकिन निर्माण कार्य आरंभ नहीं हुआ. नये भवन निर्माण के लिए विभाग द्वारा निर्धारित समय सीमा भी खत्म हो गयी है लेकिन अब तक निर्माण कार्य गति नहीं पकड़ रहा है. ऐसे में रेलवे स्टेशन का मुख्य भवन तोड़ दिये जाने से यात्रियों की परेशानी बढ़ी हुई है. यात्रियों को प्लेटफाॅर्म तक आने-जाने के लिए पहले प्रतीक्षालय से ही रास्ता बना दिया गया था लेकिन अब वह भी बंद कर दिया गया है.
इधर-उधर भटकने के लिए मजबूर हैं यात्री
अब प्लेटफार्म तक जाने के लिए अलग से रास्ता बनाया गया है. ऐसे में यात्री प्लेटफार्म पर इधर-उधर भटकते हुए अपना समय बीताने को मजबूर होते हैं. जहानाबाद रेलवे स्टेशन को अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत विकसित किया जाना है. इसके लिए नये स्टेशन भवन का निर्माण किया जाना है जिसमें पीआरएस, यूटीएस, वेटिंग हॉल के साथ ही अन्य सुविधाएं विकसित की जाएंगी. वहीं प्रत्येक प्लेटफार्म पर कैफेटेरिया के साथ प्रतीक्षालय का निर्माण भी कराया जाना है. नये भवन में पोर्च निर्माण भी कराया जाना है जिससे कि यात्रियों को आगमन-प्रस्थान में सुविधा हो सके. इन कार्यों को करीब 23 करोड़ की लागत से पूरा कराया जाना है. इसके लिए पुराने भवन को पूरी तरह से तोड़ दिया गया है जिसके बाद से ही यात्रियों की परेशानी बढ़ गयी है.
वेटिंग रूम नहीं रहने से सबसे ज्यादा परेशान बुजुर्ग यात्री
यात्री सुविधा विस्तार कार्य को लेकर मुख्य भवन के साथ ही वेटिंग रूम को भी तोड़ दिया गया है. ऐसे में यात्रियों के बैठने की कोई व्यवस्था नहीं रहने से यात्री प्लेटफार्म पर इधर-उधर भटकते रहते हैं. सबसे अधिक परेशानी बुजुर्ग यात्रियों तथा महिला यात्रियों को उठानी पड़ता है न तो उन्हें बैठने की कहीं जगह मिलती है और न ही वह प्लेटफार्म पर इधर-उधर भटक सकती हैं. ऐसे में वह खड़े-खड़े घंटे ट्रेन के इंतजार करते रहते हैं. वेटिंग रूम नहीं रहने से लंबा सफर करने वाले यात्री भी प्लेटफार्म पर ही बैठकर घंटों ट्रेन का इंतजार करते देखे जाते हैं.