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इंद्रपुरी पनबिजली परियोजना का काम शीघ्र होगा शुरू, डीपीआर तैयार, अगले माह मिल सकती है स्वीकृति

सीएम नीतीश कुमार ने 14 फरवरी, 2017 को रोहतास का दौरा कर इंद्रपुरी जलाशय योजना के जीर्णोद्धार का निर्देश दिया था.

पटना. बिहार की सबसे बड़ी इंद्रपुरी पनबिजली परियोजना को बराज बनने का इंतजार है. इंद्रपुरी बराज को बनाने के डीपीआर को अगले कुछ महीनों में स्वीकृति मिलने की संभावना है. इसके बाद बराज के निर्माण की प्रक्रिया शुरू हाेगी.

बराज बनने के बाद आठ जिलों के किसानों को फायदा होगा, साथ ही पनबिजली परियोजना पर काम शुरू होगा. इससे करीब 190 मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य है.

वहीं, सुपौल में प्रतीक्षारत डगमारा पनबिजली परियोजना से करीब 130 मेगावाट बिजली उत्पादन की संभावना है.

सूत्रों का कहना है कि इंद्रपुरी बराज की डीपीआर पिछले साल ही बनाने का लक्ष्य था, इसमें कोरोना संकट के कारण देरी हुई.

1973 में हुए समझौते के अनुसार बिहार को सोन नदी से 7.75 मिलियन एकड़ फुट (एमएएफ) पानी मिलना है. इसमें मध्यप्रदेश के बाणसागर डैम से एक एमएएफ तो यूपी के रिहंद जलाशय से 2.58 एमएएफ पानी मिलना है.

समझौते के अनुसार बिहार को इतनी मात्रा में पानी नहीं मिल सका है. इसके अलावा समझौते के 46 वर्षों के बाद बिहार की जरूरत बढ़ गयी है.

सीएम नीतीश कुमार ने 14 फरवरी, 2017 को रोहतास का दौरा कर इंद्रपुरी जलाशय योजना के जीर्णोद्धार का निर्देश दिया था.

राज्य कैबिनेट ने डीपीआर बनाने की मंजूरी दी थी. केंद्रीय जल आयोग को प्रारंभिक प्रतिवेदन रिपोर्ट भेजा जा चुका है.

इस रिपोर्ट को झारखंड और यूपी की सहमति के बाद मंजूरी मिल सकेगी. 2003 से सोन नहर में कई माध्यमों से पानी लाने की योजना पर काम चल रहा है.

Posted by Ashish Jha

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