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बिहार की तीनों नहर परियोजनाओं पर होगा तेजी से काम, आधा दर्जन जिलों में सुधरेगी सिंचाई सुविधा

सिंचाई सुविधाएं विकसित करने के लिए सारण मुख्य नहर, कर्मनाशा लिंक नहर और उत्तर कोयल जलाशय परियोजना का विकास किया जायेगा. इसे लेकर जल संसाधन विभाग ने प्रक्रिया शुरू कर दी है. इन परियोजनों से सिंचाई का पानी मिलने से गोपालगंज, सिवान, सारण, कैमूर, औरंगाबाद और गया जिला के किसानों को सीधा फायदा होगा.

पटना. राज्य के आधा दर्जन जिलों में सिंचाई सुविधाएं विकसित करने के लिए सारण मुख्य नहर, कर्मनाशा लिंक नहर और उत्तर कोयल जलाशय परियोजना का विकास किया जायेगा. इसे लेकर जल संसाधन विभाग ने प्रक्रिया शुरू कर दी है. इन परियोजनों से सिंचाई का पानी मिलने से गोपालगंज, सिवान, सारण, कैमूर, औरंगाबाद और गया जिला के किसानों को सीधा फायदा होगा.

गाद सफाई और लाइनिंग कराई जायेगी

सूत्रों के अनुसार सारण मुख्य नहर में 17 किमी लंबाई में गाद सफाई और लाइनिंग कराई जायेगी. जल संसाधन विभाग की इस योजना की अनुमानित लागत करीब 333.49 करोड़ रुपये है. इससे गोपालगंज, सिवान और सारण जिले के कई प्रखंडों में किसानों को बेहतर तरीके से सिंचाई सुविधा मिलने लगेगी. फिलहाल इस नहर में गाद भर जाने के कारण इसकी सिंचाई क्षमता घट गई है. सात निश्चय भाग-2 में हर खेत को सिंचाई का पानी योजना के तहत इस परियोजना का काम किया जा रहा है.

कर्मनाशा लिंक नहर

इसके साथ ही जल संसाधन विभाग ने कर्मनाशा लिंक नहर में करीब 8.53 किमी लंबाई में नहर को बेहतर करने लाइनिंग की योजना तैयार की है. इसकी अनुमानित लागत करीब 51 करोड़ रुपये है. इसके साथ-साथ नहर के विभिन्न बिंदुओं पर फॉल, द्विपथीय सेतु सहित 49 आउटलेट का निर्माण कराया जाएगा. इससे कैमूर जिले के किसानों को सीधा फायदा होगा. खासकर कैमूर जिले के चांद और दुर्गावती प्रखंड में करीब 2650 हेक्टेयर जमीन में सिंचाई सुविधा बेहतर तरीके से उपलब्ध हो सकेगी. पिछले कुछ साल से नहर जर्जर अवस्था में होने से इसकी सिंचाई क्षमता घट गई थी.

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उत्तर कोयल जलाशय परियोजना

केंद्र सरकार की सहयोग से बिहार और झारखंड की महत्वपूर्ण उत्तर कोयल जलाशय परियोजना को बिहार के हिस्से में विकसित करवाने का काम जल संसाधन विभाग की तरफ से चल रहा है. पिछले दिनों विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद ने उत्तर कोयल जलाशय परियोजना के तहत कराये जा रहे कार्यों की अद्यतन प्रगति की समीक्षा की थी. साथ ही जरूरी निर्देश दिये थे. इस परियोजना के तहत औरंगाबाद और गया के किसानों को सीधा फायदा होगा. इस परियोजना को पूरा होने पर झारखंड और बिहार के करीब 1.20 लाख हेक्टेयर में बेहतर तरीके से सिंचाई सुविधा मिल सकेगी.

बेगूसराय में बाढ़ से सुरक्षा के लिए जल संसाधन विभाग तत्पर

इधर, बेगूसराय जिले के मटिहानी प्रखंड अंतर्गत गंगा नदी के बाएं किनारे गुप्ता लखमिनिया तटबंध के किमी 4.5 एवं 5.5 पर 2024 की बाढ़ अवधि से पूर्व बोल्डर (पत्थर) युक्त कटाव निरोधक कार्य कराया जायेगा. यह जानकारी बिहार सरकार के जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने बुधवार को मटिहानी विधायक राज कुमार सिंह द्वारा पूछे गए बेगूसराय जिले के मटिहानी विधानसभा अंतर्गत किमी 4.5 एवं किमी 5.5 पर गंगा नदी द्वारा कटाव से संबंधित सवाल के जबाब में दी.

कराया जाएगा कटाव निरोधक कार्य

जल संसाधन मंत्री ने बताया कि बाढ़ अवधि के दौरान गंगा नदी के घटते एवं बढ़ते जलस्तर के कारण पर बेगूसराय जिले के मटिहानी प्रखंड में गुप्ता लखमिनिया तटबंध के किमी 4.5 एवं 5.5 पर कटाव हुआ था. बाढ़ 2023 से पूर्व यहां करीब करीब साढ़े छह करोड़ रुपये की लागत से कटाव निरोधक एवं बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य करा कर इस स्थल को सुरक्षित किया गया था जो बाढ़ अवधि में भी प्रभावी रहा है. इस स्थल पर सुरक्षात्मक कार्य करा कर स्पर को सुरक्षित किया गया है तथा तटबंध को आवागमन योग्य बनाया गया है. इन दोनों स्थलों पर गंगा नदी की कटाव की प्रवृत्ति को देखते हुए जल संसाधन विभाग द्वारा वहां बाढ़ 2024 से पहले बोल्डर (पत्थर) युक्त कटाव निरोधक कार्य कराया जाएगा.

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