पटना में हो रहे विकास कार्यों पर विश्व बैंक की टीम ने दी सलाह, कहा- सभी काम सुरक्षा मानकों के साथ हों पूरे
विश्व बैंक व एनएमसीजी की टीम ने सबसे पहले रिवर फ्रंट के कार्यों का नाव से निरीक्षण किया. इसके बाद वे दीघा में निर्माणाधीन 100 एमएलडी क्षमता के सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट को देखने पहुंचे. उन्होंने इस एसटीपी से लाभान्वित होने वाले क्षेत्रफल व आबादी के बारे में भी जानकारी ली.
पटना. अमेरिका स्थित विश्व बैंक मुख्यालय से छह अधिकारियों सहित दिल्ली से आयी विश्व बैंक और एनएमसीजी (नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा) की 11 सदस्यीय टीम ने सोमवार को राजधानी पटना के रिवर फ्रंट और सीवरेज ट्रीटमेंट परियोजनाओं का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने बुडको व एनएमसीजी के पदाधिकारियों को आम आबादी को असुविधा दिये बगैर सुरक्षा मानकों का पालन करते हुए विकास कार्य चलाये जाने की सलाह दी.
मानकों के अनुपालन में जीरो टाॅलरेंस नीति
पटना के मौर्य होटल में हुए कार्यशाला में विश्व बैंक की टीम ने इस संबंध में दुनिया भर में चल रहे कार्यों का उदाहरण दिया. इस दौरान बुडको के एमडी ने कहा कि परियोजनाओं के गुणवत्ता एवं सुरक्षा मानकों के अनुपालन में जीरो टाॅलरेंस की नीति रखनी होगी.
ट्रीट पानी का पार्कों, फॉगिंग व रेल धुलाई में होगा इस्तेमाल
विश्व बैंक व एनएमसीजी की टीम ने सबसे पहले रिवर फ्रंट के कार्यों का नाव से निरीक्षण किया. इसके बाद वे दीघा में निर्माणाधीन 100 एमएलडी क्षमता के सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट को देखने पहुंचे. उन्होंने इस एसटीपी से लाभान्वित होने वाले क्षेत्रफल व आबादी के बारे में भी जानकारी ली. अधिकारियों ने बताया कि एसटीपी से ट्रीट होकर निकलने वाले पानी का इस्तेमाल शहर के पार्कों में हरियाली बनाये रखने, नगर निगम द्वारा किये जाने वाले फॉगिंग तथा रेलवे कोचों की धुलाई में किया जायेगा. इसको लेकर कार्ययोजना बनायी गयी है. टीम ने सीवरेज नेटवर्कों के संबंध में भी पूछताछ की.
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कार्यशाला में ये रहे मौजूद
कार्यशाला में नगर विकास एवं आवास विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुणीश चावला, बुडको एमडी धर्मेंद्र सिंह के अतिरिक्त वर्ल्ड बैंक सपोर्टेड और एनएमसीजी प्रोजेक्ट के प्रबंधक, संरक्षा अधिकारी, बुडको के जिला स्तर के कार्यपालक एवं सहायक अभियंता भी शामिल हुए.