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World Population Day : बिहार में युवा आबादी काफी बड़ी, हुनरमंद हो गए तो वरदान, नहीं तो बन सकती है आपदा

World Popoulation Day : बिहार में जनसंख्या बढ़ने की दर व प्रजनन दर देश में सर्वाधिक है. बिहार की प्रजनन दर अभी तीन है. हालांकि राहत की बात यह है कि इसमें लगातार कमी आ रही है. बिहार में 25 वर्ष की आयु से कम की करीब 58 प्रतिशत आबादी है.

By Prabhat Khabar News Desk | July 11, 2023 2:04 AM

World Popoulation Day : बिहार में 25 वर्ष की आयु से कम की करीब 58 प्रतिशत आबादी है. बिहार जैसे राज्य के लिए यह स्थिति वरदान हो सकती है. बशर्ते कि हम अपनी आबादी को काम दे पायें. अगर काम नहीं दिया तो यही आबादी दशक-दो दशक बाद आपदा भी बन सकती है. दरअसल युवा आबादी की यह तादाद तभी अच्छी मानी जायेगी, जब हम उसकी मौजूदगी को आर्थिक वृद्धि से जोड़ दें. यह तभी होगा, जब हम वैश्विक अर्थव्यवस्था के साथ कदमताल करें, अन्यथा यही युवा आबादी राज्य के लिए भार बन जायेगी. इस युवा आबादी को वरदान तभी माना जायेगा, जब हम आने वाले समय में राज्य की प्रजनन दर को कम कर लेंगे. इसे हर हाल में आदर्श प्रजनन दर 2.1 पर लाना होगा. यह वह दर है, जहां पर राज्य की आबादी स्थिर हो जाती है.

बिहार में जनसंख्या बढ़ने की दर व प्रजनन दर देश में सर्वाधिक

फिलहाल बिहार में जनसंख्या बढ़ने की दर व प्रजनन दर देश में सर्वाधिक है. बिहार की प्रजनन दर अभी तीन है. हालांकि राहत की बात यह है कि इसमें लगातार कमी आ रही है. यह देखते हुए कि वर्ष 2020 बिहार में प्रजनन दर 3.8 थी. वर्तमान में यह घटकर तीन हो गयी है. बिहार को अपनी युवा आबादी को काम देना है तो अर्थव्यवस्था के नेचर भी बदलाव लाना होगा.

युवाओं के कौशल विकास की जरूरत 

उदारीकरण और वर्तमान आर्थिक वैश्विक व्यवस्था में हमें कृषि आधारित अर्थव्यवस्था में लगी आबादी को औद्योगिक और सेवा क्षेत्र की तरफ ले जाना होगा. इसके लिए जरूरी है कि उसका कौशल विकास हो. यह तय है कि कौशल आधारित शिक्षा के बिना हम अपनी आबादी को काम नहीं दे पायेंगे. इसलिए बिहार को चाहिए कि इस दिशा में तत्काल कदम उठाये. अगर ऐसा नहीं किया तो आने वाले समय में बेरोजगार युवाओं की एक ऐसी फौज खड़ी होगी, जिसके लिए काम होने के बाद भी वह राेजगार पाने में सक्षम नहीं होगा, क्योंकि बदल रहे दौर के हिसाब से वह काम करने में सक्षम नहीं हो पायेगा. अगर बिहार ने अपनी आबादी को तेजी से प्रशिक्षित किया तो निश्चित तौर पर यह आबादी हमें समृद्ध बना देगी. बल्कि हम भारत के विकास की ड्राइविंग सीट पर होंगे.

विशेष फैक्ट

  • बिहार की जनसंख्या 1951 में 2.94 करोड़ थी. वर्ष 2011 में यह 3.5 गुना बढ़ कर 10.41 करोड़ हो गयी. जबकि इस समयावधि में देश की जनसंख्या में 3.4 गुना इजाफा हुआ.

  • बिहार में ग्रामीण आबादी की दशकीय वृद्धि दर 1951-61 के 17.4 प्रतिशत से बढ़ कर 2001-11 में 24.2 प्रतिशत हो गयी है. इस तरह यह सर्वाधिक है.

( ए एन सिन्हा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल स्टडीज के सहायक प्राध्यापक बिप्लब ढक से बातचीत पर आधारित )

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