ऐतिहासिक व पुरातात्विक धरोहरों, धार्मिक स्थलों के कारण पटना देश ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय पर्यटन के क्षेत्र में तेजी से उभर रहा है. पटना सहित बिहार के पर्यटन स्थलों पर हर साल देशी-विदेशी पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है. इसका सबसे बड़ा कारण है पर्यटन क्षेत्रों का विस्तार, विकास और बुनियादी सुविधाओं का बहाल होना. बिहार पर्यटन विभाग के आंकड़ों के अनुसार इस साल जनवरी-जुलाई 2023 तक पटना में अबतक जहां 6059 विदेशी पर्यटक आये वहीं, घरेलू पर्यटकों की संख्या 45,69,581 रही. आज विश्व पर्यटन दिवस है. इस अवसर पर आइए जानते हैं, पटना के ऐसे स्थलों के बारे में जहां हाल के दिनों में कुछ नया बदलाव हुआ है और आने वाले दिनों में पर्यटकों के लिए नया ठिकाना बनने वाला है.
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– चंपारण सत्याग्रह से जुड़ी स्म़ृतियों के होंगे दर्शन
पटना के गर्दनीबाग में बापू टावर का निर्माण कार्य अभी अपने अंतिम चरण में है. आने वाले दिनों में जो भी पर्यटक यहां आयेंगे उन्हें राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विचारों से लेकर चंपारण सत्याग्रह से जुड़ी स्मृतियों के दर्शन होंगे. बापू के विचारों को प्रस्तुत करने को लेकर म्यूजियम की दीवारों पर बड़ी-बड़ी स्क्रीन लगायी जा रही है. टावर के बाहरी दीवारों पर कॉपर प्लेट लगाया जा रहा है, जो देखने में काफी आकर्षक होगा. दीवार पर बापू की कलाकृति भी बनायी जायेंगी. सात एकड़ के क्षेत्र में बनने वाले इस जी प्लस छह भवन की बाहरी संरचना पर तांबे का आवरण होगा. यहां पर्यटकों को शॉपिंग सेंटर और रेस्तरां जैसी सुविधाएं भी मिलेंगी. बापू टावर में एक स्मारिका शॉपिंग सेंटर, बहुउद्देश्यीय सभागार, ओरिएंटल हॉल, रेस्तरां, अनुसंधान केंद्र व प्रशासनिक कार्यालय होगा.
– पर्यटकों को लुभाता है क्रूज से गंगा की सैर करना
हाल ही में बिहार टूरिज्म को बढ़ावा देने, पर्यटन व्यवसाय को बढ़ाने और पर्यटकों को लुभाने के लिए एमवी स्वामी परमहंस (रो पैक्स वेसल) का संचालन शुरू किया गया है. इस जलयान पर बैठकर आप गंगा की लहरों के साथ सैर कर सकते हैं और अपने पल को यादगार बना सकते हैं. इसके लिए जीएसटी सहित 300 रुपए प्रति व्यक्ति का टिकट लेना होता है. इसमें 45 मिनट तक गंगा की सैर करवाई जाती है. इसके साथ ही अगर आप पूरे जलयान को बुक करना चाहते हैं, तो उसके लिए भी पैकेज बनाया गया है. बता दे कि क्रूज दीघा पर्यटन घाट से मीनार घाट, शिवाजी घाट, रामजीचक घाट, बाटा घाट और नासरीगंज घाट होते हुए दानापुर तक जाती है. इस पूरे सफर में 45 मिनट का समय लगता है. वहां से फिर वापस पर्यटकों को घाट लेकर आती है. इसकी कुल सीटिंग कैपेसिटी 145 है.
– अद्भुत और नायाब कलाकृतियों एक्सपीरिएंस म्यूजियम
बिहार संग्रहालय अद्भुत और नायाब कलाकृतियों का एक एक्सपीरिएंस म्यूजियम है. यहां प्रदर्शित चंद्रगुप्त मौर्य का परिकल्पित सिंहासन और सन 1917 में दीदारगंज में मिली निर्मल यक्षिणी की मूर्ति हर किसी को आकर्षित करती है. यहां की दीर्घाओं में क्षेत्रीय कला, समसामयिक कला, चिल्ड्रन गैलेरी खास है तो बिहार संतति दीर्घा में बिहारी किन-किन देशों में गये और उन्होंने वहां किस तरह से अपनी एक अलग पहचान बनायी इसे दर्शाता है.बिहार संग्रहालय अपने संग्रह में लगभग 30,000 पुरावशेष/कलाकृतियों के रूप में चार लाख वर्ष का इतिहास स्वयं में समेटे हुए हैं. हर साल बिहार म्यूजियम में 8 लाख से ज्यादा लोग विजिट करते हैं.आम दिनों में एक हजार से 1500 और वीकेंड में 2 हजार के करीब लोग आते हैं. हाल के दिनों में कई नयी गैलरी और कई देशों की पेंटिंग की प्रदर्शनी लगायी गयी है.
अपने शहर में स्थित तारामंडल एशिया के सबसे पुराने और सबसे बड़े तारामंडल में से एक है. हालांकि अभी इसमें रीनोवेशन का काम चल रहा है. जल्द ही पर्यटकों को नये ऑडिटोरियम में थ्रीडी स्क्रीन पर तारों की दुनिया को देखने और समझने का अवसर मिलेगा. नवंबर से अमेरिकन थ्रीडी स्क्रीन और जर्मन प्रोजेक्टर के माध्मम से तारों की दुनिया दिखयी जायेगी. नये तारामंडल कक्ष में एक साथ 200 लोग एक साथ बैठकर थ्री-डी और टू-डी की आठ फिल्में देख सकेंगे. तारामंडल में थ्रीडी शो को देखने के लिए दर्शकों को एक्टिव थ्रीडी ग्लास भी मुहैया करायी जायेगी. तारामंडल में फिल्हाल छह फिल्में एस्ट्रॉयड मिशन, वीआर स्टार्स, वॉयजर मिशन, स्पेस नेक्सट के अलावा दो अन्य फिल्मों का चयन किया गया है. करीब 34 करोड़ रुपये की लागत से तारामंडल के आधुनिकीकरण का कार्य किया जा रहा है.
माह घरेलु पर्यटक विदेशी पर्यटक
जनवरी 635412 390
फरवरी 569569 1281
मार्च 1056978 1438
अप्रैल 555631 1231
मई 301324 371
जून 736712 978
जुलाई 713955 370
स्रोत : डोमेस्टिक एंड फॉरेन टूरिस्ट विजिट ऑफ बिहार (जनवरी से जुलाई 2023)
– पटना संग्रहालय
– संजय गांधी जैविक उद्यान
– अगमकुआं
– तख्त हरमंदिर साहिब
– पत्थर की मस्जिद
– पादरी की हवेली
– श्री कृष्ण विज्ञान केंद्र
– गोलघर
– इको पार्क
– बुद्ध स्मृति पार्क
– सभ्यता द्वार
– गांधी मूर्ति
– मरीन ड्राइव