स्थानीय पीएचसी की एक्स-रे मशीन बंद होने के कारण चोटिल मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. पीएचसी में दो एक्स-रे मशीन है, जिसमें एक बड़ा एक्स-रे मशीन तथा दूसरा पोर्टेबल एक्स-रे मशीन है. फिलहाल बड़ी एक्स-रे मशीन बंद है, जिसके कारण कुल्हे व चेस्ट के मरीजों को अन्यत्र जाना पड़ रहा है. हालांकि, इसकी जगह पर एक दूसरा पोर्टेबल एक्स-रे मशीन से काम चलाया जा रहा है. बताया जाता है कि एक्स-रे मशीन का स्टेबलाइजर बार-बार खराब हो जा रहा है. दुरुस्त हुआ भी तो एक बार फिर लगभग दो माह से स्टेबलाइजर में आयी खराबी के कारण बंद बताया जाता है. ऐसे में मरीज परेशान होकर प्राइवेट हॉस्पिटल की ओर अथवा अन्यत्र रुख कर चले जाते हैं.
पीएचसी में लैब टेक्नीशियन का अभाव
जानकारी के अनुसार, पीएचसी पर एटीएस द्वारा सामान्य जांच तो की जाती है, लेकिन करीब तीन माह से लैब टेक्नीशियन का अभाव बताया जाता है. इसके कारण हीमोग्लोबिन आदि संबंधित स्वास्थ्य जांच को पीएचसी आये मरीजों को इधर-उधर भाग दौड़ करनी पड़ती हैं. ऐसे में टेक्नीशियन के अभाव में टू- नेट मशीन रहते भी लगभग तीन माह से बलगम जांच (टीबी जांच) में भी मरीजों को परेशानी होती है.
जिम्मेदार दे रहे गोलमोल जवाब
इस संबंध में पीएचसी के स्वास्थ्य प्रबंधक मनीष चंद्र श्रीवास्तव द्वारा कहा गया कि स्टेबलाइजर में खराबी आयी है. इसके मैकेनिक को बुलाकर दिखाया गया, तो पता चला कि स्टेबलाइजर का मोटर जल गया है. स्टेबलाइजर मोटर को दुरुस्त कर लाने के लिए पटना भेजा गया है. जल्द ही आने की उम्मीद है, ताकि अस्पताल आये मरीजों को परेशानी नहीं हो. बड़ी मशीन की जगह पोर्टेबल एक्स-रे मशीन से काम चलाया जा रहा है. जहां तक लैब टेक्नीशियन के नहीं होने की बात है तो जिला से प्रतिनियुक्ति हो गयी है. अभी ट्रेनिंग में हैं और एक-दो दिन में आ जायेंगे.