पटना. यास चक्रवाती तूफान अब स्टोर्म में तब्दील हो चुका है़ सुपर सायक्लोन यास तेज चक्रवाती हवा के साथ 27 मई को बिहार में दस्तक दे सकता है़ 30 मई तक पूरे बिहार में मध्यम से भारी बारिश, मेघ गर्जन, ठनका गिरने के आसार हैं. आपदा विभाग और आइएमडी पटना ने राज्य के लोगों और सरकारी मशीनरी को सतर्क कर दिया है़
आइएमडी पटना ने स्प्ष्ट कर दिया कि तेज आंधी की वजह से बिजली आपूर्ति, हवाई, रेल और सड़क यातायात बाधित हो सकती है. पेड़ गिर सकते हैं. भारी और अति भारी बारिश के चलते जल जमाव यहां तक की निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति भी बन सकती है. उस समय सरकारी मशीनरी को भी सचेत रहना होगा़
इस दौरान बादल काफी नीचे से गुजरेंगे, इसलिए दृश्यता भी प्रभावि हो सकती है़ विशेष रूप से 27 और 28 मई को पूरे प्रदेश में सबसे ज्यादा ठनका गिरने की आशंका व्यक्त की गयी है़ तूफान का सबसे ज्यादा असर गया, नवादा, औरंगाबाद, सासाराम, बांका, भागलपुर, शेखपुरा आदि जगहों पर देखा जायेगा़ इस दौरान समूचे बिहार में हवा की रफ्तार चालीस से साठ किलोमीटर प्रति घंटे होगी़
डॉ राजेद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के वरिष्ठ मौसम विज्ञानी डॉ ए सत्तार के मुताबिक यास ताकतवर तूफान है़ इसकी ताकत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जहां से टकरायेगा, वहां से सात सौ किलोमीटर तक के इलाकों को सीधे प्रभावित करेगा़ आंधी-पानी, ठनका आदि की तीव्रता बेहद खतरनाक होगी. हालांकि, इस तूफान से बिहार को फायदे और नुकसान दोनों होंगे़
बंगाल की खाड़ी पर बना गहरे दबाव का क्षेत्र चक्रवाती तूफान ‘यास’ में बदल गया है. इसके 26 मई को ओड़िशा-पश्चिम बंगाल के तटों से गुजरने का अनुमान है. एनडीआरएफ ने अपने बचाव दलों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि ओड़िशा व बंगाल में लगे बड़े ऑक्सीजन संयंत्र तूफान के दौरान भी चलते रहें.
Posted by Ashish Jha