Year Ender 2022: वर्ष 2022 अब खत्म होने को है. नए वर्ष के शुरू होने में केवल चार दिन ही शेष रह गए हैं. इस पूरे वर्ष बिहार किसी न किसी घटना या विषय को लेकर देश में चर्चा का विषय बना रहा. राज्य में कई ऐसी घटनाएं हुईं जिसने बिहार सरकार के साथ केंद्र सरकार की भी नींद उड़ा दी. आए साल के खत्म होने से पहले जानते हैं बिहार की पांच ऐसी घटनाएं जिसे देश के इतिहास में हमेशा याद किया जाएगा.
बिहार में अग्निपथ स्कीम और आरआरबी एनटीपीसी रिजल्ट में गड़बड़ी को लेकर बिहार में छात्रों के द्वारा बड़ा बवाल किया गया था. ये आंदोलन इतना भयानक था कि सड़क से लेकर रेलवे तक तो क्षतिग्रस्त कर दिया गया था. छात्रों ने दर्जनों ट्रेनों को फूंक दिया था. कई ट्रेनों को कैंसिल किया गया. चारों तरफ जमकर आगजनी हुई. हालांकि, अग्निपथ स्कीम रद्द नहीं हुई. वहीं, आरआरबी एनटीपीसी रिजल्ट में गड़बड़ी को लेकर छात्रों के द्वारा एक बार फिर से बड़ा बवाल किया गया. छात्रों ने जबरन राजेंद्र नगर ट्रमिनट को बंद कर दिया. शाम तक भारी हंगामा किया. इस दौरान छात्रों को नियंत्रित करने के लिए सरकार को आंसू गैस के गोले और लाठीचार्ज तक करना पड़ा.
नीतीश कुमार ने अगस्त के महीने में केंद्र की सत्ता में काबिज बीजेपी की सरकार को बड़ा झटका दिया. उन्होंने राज्य में भारतीय जनता पार्टी के साथ अपना गठबंधन तोड़ दिया. इसके साथ ही, एनडीए से गठबंधन तोड़कर राजद के साथ महागठबंधन सरकार बना ली. बिहार की घटना से राजनीति के गलियारे में भूचाल जैसी स्थिति पैदा हो गयी. केंद्र के लगभग सभी बड़े मंत्रियों और नीतीश कुमार के साथ राजद के नेताओं ने एक दूसरे पर जमकर निशाना साधा. बाद में, कैबिनेट विस्तार में राजद के साथ महागठबंधन के अन्य घटक दलों को भी शामिल किया गया.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कुछ महीने पहले जनसंवाद कार्यक्रम में बख्तियारपुर गए थे. तब स्वतंत्रता सेनानी पं.शीलभद्र याजी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के दौरान सुरक्षा घेरा होने के बावजूद एक युवक उनके करीब पहुंच गया था. सीएम पर पीछे से हमला करने की कोशिश की थी. सुरक्षाकर्मियों ने युवक को गिरफ्तार कर लिया. हालांकि, सीएम ने युवक को माफ कर दिया और अधिकारियों को आदेश दिया कि पता करें कि क्या परेशानी है.
मई महीने में बीपीएससी 67वीं की पेपर लीक हुई थी. जांच में पता चला कि प्रश्नपत्र आरा के कॉलेज से लीक हुआ था. इस मामले में कई बड़े लोगों के लिंक मिले. पेपर को कैंसिल किया गया. कई बड़े आईएएस और अधिकारी को पूछताछ के लिए बुलाया गया. इस घटना से राज्य सरकार की बड़ी किरकिरी हुई. साथ ही, शिक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल उठ गया. हालांकि इसे लेकर अभी बवाल जारी है और सीबीआई जांच की मांग की जा रही है.
बिहार के लिए वर्ष का आखिरी महीना लोगों के लिए बड़ा भारी रहा. छपरा, सीवान और बेगुसराय में जहरीली शराब से 80 से ज्यादा लोगों की मौत का मामला सामने आया. इसके कारण विपक्ष और सत्ता पक्ष एक दूसरे पर दमकर निशाना साधा. इस कारण सदन के शीतकालिन सत्र की कार्रवाई नहीं चल सकी. विपक्ष मृतकों के लिए मुआवजे की मांग कर रहा था. इसे नीतीश कुमार मानने से इंकार कर दिया. मामले की जांच अब मानवाधिकार आयोग के द्वारा किया जा रहा है.